निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए बनाए जा रहे 9 पावर ग्रिड सब-स्टेशन और संचरण की 27 लाइनों का 70 फीसदी काम हो गया है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पतरातू, लातेहार और लोहरदगा में भी पावर सब स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद राज्य की बिजली आपूर्ति में गुणात्मक सुधार देखने को मिलेगा।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को झारखण्ड मंत्रालय में पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ बैठक के दौरान पावर ग्रिड सब-स्टेशनों के लंबित कार्यों को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुमका, चाईबासा, मधुपुर, मनोहरपुर, गोविंदपुर और मानगो में छह पावर ग्रिड सब-स्टेशनों का काम पूरा कर लिया गया है। संबंधित क्षेत्रों में बेहतर बिजली शुरू कर दी गई है। बिजली की उपलब्धता बढ़ रही है। सब-स्टेशनों की क्षमता का विकास हो रहा है। सीएम ने कहा कि राज्य की प्रगति के लिए बिजली बुनियादी आवश्यकता है। झारखंड के हर घर को दिवाली तक बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि नए पावर स्टेशन तथा ट्रांसमिशन लाइन से निर्बाध विद्युत की आपूर्ति के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी 2012 में जेयूएसएनएल के साथ करार हुआ था, लेकिन 2014 तक इसमें कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हो सकी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2015 की शुरुआत में इस पर विशेष जोर दिया। इस कारण अब तक नौ पावर सब स्टेशन का निर्माण और 27 संचरण लाइनों का 70 प्रतिशत कार्य पूरा किया गया है। पीजीसीएल के सीएमडी ने कहा कि शेष कार्य भी इसी वित्तीय वर्ष मे पूरा कर लिया जाएगा।बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, पीजीसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक इंदुशेखर झा, प्रधान सचिव ऊर्जा डॉ नितीन मदन कुलकर्णी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, पीजीसीएल के कार्यकारी निदेशक टीसी शर्मा, एसएन सहाय और एस के गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।