देश में इंजीनियर बनने का सपना संजोने वाले युवाओं की संख्या तेजी से घट रही है। पिछले चार वर्षों में चार लाख से अधिक आवेदक घटे हैं। इसके विपरीत इंस्टीट्यूट की संख्या में इजाफा हुआ है। यही हाल उत्तर प्रदेश का भी है। यहां पिछले तीन वर्षों में 68 इंस्टीट्यूट बढ़े हैं तो करीब 22 हजार आवेदक घटे हैं।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक देश में इंजीनियरिंग संस्थानों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन आवेदक घट रहे हैं। चार वर्षों में 4,08,949 आवेदक घट गए हैं। सबसे अधिक कमी पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) और अंडर ग्रेजुएट (यूजी) कोर्सेज के आवेदन में आई है। हालांकि इनके इंस्टीट्यूट की संख्या भी कम हुई है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय अधिकारी मनोज तिवारी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आवेदकों की संख्या में कमी आई है। साथ ही पुराने इंस्टीट्यूट सम्बद्धता निरस्त कराने का आवेदन कर रहे हैं। दूसरी ओर, नए इंस्टीट्यूट खोलने वालों की संख्या बढ़ी है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि इंस्टीट्यूट की संख्या काफी अधिक हुई है। इससे छात्रों की संख्या में कमी आई है। साथ ही अब छात्र इंजीनियरिंग के अलावा अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज की ओर भी जाना चाहते हैं।
शॉर्ट-टर्म डिप्लोमा कोर्स में बढ़ा रुझान
शॉर्ट-टर्म डिप्लोमा कोर्स में युवाओं का रुझान बढ़ा है। वर्ष 2015 में 461 इंस्टीट्यूट थे। इसमें 1,35,942 आवेदन आए थे। वर्ष 2016 में इंस्टीट्यूट की संख्या बढ़कर 512 हो गई। आवेदक की संख्या में भी इजाफा हुआ और 1,44,863 ने आवेदन किया। वर्ष 2017 में 55 नए इंस्टीट्यूट खुले। इस साल 567 इंस्टीट्यूट के लिए 1,46,873 आवेदन आए। मतलब पिछले तीन वर्षों में 10931 आवेदकों की संख्या बढ़ी है।
