प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने बुधवार को यहां किसानों के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड से दीर्घकालीन निवेश ऋण लेने वाले किसानों का इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत 2.63 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
पत्रकारों से बातचीत में वर्मा ने कहा कि अगले पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। अल्पकालीन ऋण लेने वाले किसानों को कर्जमाफी योजना का लाभ पहले ही दिया जा चुका है। कर्जमाफी योजना के तहत सहकारिता विभाग में 1.93 लाख से ज्यादा किसानों का 344.94 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया था।
उन्होंने बताया कि अब ओटीएस 2021 के तहत 31 मार्च 1997 तक वितरित दीर्घकालीन निवेश ऋण के मामलों में किसानों का सारा ब्याज माफ किया जाना प्रस्तावित है। इसी प्रकार एक अप्रैल 1997 से 31 मार्च तक 2007 तक ऋण लेने वाले किसानों से मूलधन के बराबर ब्याज लेकर शेष ब्याज की छूट दी जाएगी। एक अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2012 के बीच बांटे गए ऋणों में समझौता करने पर ब्याज में अधिकतम 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि प्रदेश के पिछड़े व अनुसूचित जाति के किसानों को केंद्र सरकार की मदद से रोजगारपरक योजनाओं के लिए 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत 31 मार्च 2021 तक 6531 लाभार्थियों में 39.87 करोड़ रुपये ऋण दिया गया। इसमें 22.34 करोड़ रुपये ऋण महिलाओं को दिए गए।
एक मुश्त समाधान योजना 2021 के मुख्य बिन्दु
श्रेणी एक- 31 मार्च 1997 या इस तिथि से पूर्व बांटे गए ऋण के मामलों में बकाएदार किसानों पर देय शेष मूलधन की वसूली की जाएगी तथा उस पर देय पूरा ब्याज माफ कर दिया जाएगा।
श्रेणी दो-एक अप्रैल 1997 को या उसके बाद 31 मार्च 2007 तक के बीच ऋण लेने वाले किसान, जो 30 जून 2017 को बकाएदार हो गए हैं उन्हें इस तरह ब्याज में छूट दी जाएगी-
1. जिन मामलों में वितरित ऋण राशि के बराबर या अधिक ब्याज की वसूली कर ली गई है, उनमें शेष मूलधन लिया जाएगा।
2. जिन मामलों में वितरित ऋण राशि से कम ब्याज की वसूली की गई उनमें वितरित ऋण राशि की सीमा तक (पूर्व में वसूल ब्याज को घटाते हुए) शेष ब्याज व शेष मूलधन की वसूली की जाएगी।
श्रेणी तीन-एक अप्रैल 2007 को या उसके बाद 31 मार्च 2012 तक के बीच ऋण लेने वाले किसान जो 30 जून 2017 को बकाएदार हो गए हैं उन्हें इस तरह ब्याज में छूट मिलेगी-
1. बकाएदार किसानों पर देय समस्त मूलधन की शत-प्रतिशत वसूली की जाएगी।
2. योजना शुरू की तिथि से 31 जुलाई 2021 तक के बीच समझौता कर खाता बंद करने पर ब्याज में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
3. एक अगस्त 2021 से 31 अक्टूबर 2021 के बीच समझौता कर खाता करने पर ब्याज में 40 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
4. एक नवंबर 2021 से 31 जनवरी 2019 के बीच समझौता कर खाता बंद करने पर ब्याज में 35 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।