औरंगाबाद को-ऑपरेटिव चुनाव के लिए गुरुवार को सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो गया। 3 घंटे के बाद करीब 93 मतदाताओं ने मत डाल दिए थे और यह जारी था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कलेक्ट्रेट परिसर में जिला योजना भवन में मतदान जारी था। निर्वाचन पदाधिकारी पुरुषोत्तम पासवान की मौजूदगी में बारी बारी से मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर रहे थे। योजना भवन के बाहर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा प्रवेश करने से पहले पहचान पत्र की जांच की जा रही थी। पहचान पत्र देखने के बाद अंदर जाने पर मतदाता सूची से उनका मिलान हो रहा था और इसके बाद मत डालने की अनुमति दी जा रही थी। निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि एक मतदाता को तीन बैलेट पेपर दिए जा रहे हैं। उनके द्वारा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और निदेशक में ग्रुप-1 के लिए वोट डालना है। ग्रुप-2 के निदेशक पद के लिए अन्य सोसायटी के लोग वोट डालेंगे। शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हो रहा है जो 3 बजे तक चलेगा। इसके बाद मतगणना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस बार चुनाव में है कांटे की टक्कर-
को-ऑपरेटिव चुनाव में इस बार कांटे की टक्कर है। इस बार संजय यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया है जो को-ऑपरेटिव बैंक में 5 सालों तक अध्यक्ष रहे थे। पिछली बार उन्होंने पूर्व एमएलसी रंजन कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह को पराजित कर चुनाव जीता था। इस बार उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है और वह एक अन्य उम्मीदवार सुनील कुमार को अपना समर्थन दे रहे हैं। अध्यक्ष पद पर रंजन कुमार सिंह और सुनील कुमार के बीच रोचक मुकाबला होना है। उपाध्यक्ष पद के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में हैं।
कलेक्ट्रेट में पहुंचे समर्थक-
कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर काफी संख्या में समर्थक सुबह से ही पहुंच गए थे। मुन्ना सिंह और संजय यादव के समर्थक अलग-अलग टोलियों में बंट कर चर्चा में व्यस्त दिखे। मदनपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष पीयूष रंजन उर्फ रिशु सिंह, मोनी सिंह, अमरेंद्र सिंह सहित अन्य लोगों ने अपने उम्मीदवार की जीत का दावा किया। यह चुनाव विकास बनाम भ्रष्टाचार है और वे लोग विकास के नाम पर अपना मत दे रहे हैं।
पिछली बार पांच मतों के अंतर से हारे थे मुन्ना
वर्ष 2012 में हुए कोऑपरेटिव चुनाव में रंजन कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह पांच मतों के अंतर से हार गए थे। जानकारी के अनुसार अध्यक्ष पद के लिए संजय कुमार यादव, रंजन कुमार सिंह और जगनारायण सिंह मैदान में थे। संजय यादव को 81, रंजन कुमार सिंह को 76 और जगनारायण सिंह को 53 मत मिले थे। जगनारायण सिंह उस समय कोऑपरेटिव के अध्यक्ष भी थे और 35 सालों से उनका दबदबा कायम था। वे 1977 से चुनाव जीतते आ रहे थे और चार बार कोऑपरेटिव के अध्यक्ष रहे थे। इस बार जगनारायण सिंह चुनाव मैदान में नहीं हैं और मुकाबला सीधा है।
