एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट तुरंत सुनवाई को तैयार हो गया है। मामले की सुनवाई खुली अदालत में होगी। इस मामले की सुनवाई आज ही दोपहर दो बजे होगी। सीजेआई ने इसके लिए जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई में बेंच का गठन किया है।
आपको बता दें कि एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विरोध में दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया था। भारत बंद के दौरान दलित आंदोलन हिंसक हो गया और अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।
अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अभी की परिस्थिति काफी मुश्किल है, ये एक तरह के इमरजेंसी हालात हैं। 10 लोग अभी तक मर चुके हैं, हज़ारों-करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हो गया है। इसलिए केंद्र सरकार की ये अपील है कि इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द होनी चाहिए।
कल सरकार ने दी थी याचिका
याचिका दाखिल करने की जानकारी केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी थी। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार कोर्ट के इस फैसले से समहत नहीं है। उस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार और एनडीए सरकार दलितों के समर्थन में है। कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस सरकार से सवाल कर रही है और हल्ला बोल रही है। कांग्रेस ने डॉ. भीम राव अंबेडकर के मरने के इतने साल बाद भारत रत्न दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर की 1956 में मृत्यु हो गई थी लेकिन वी पी सिंह की सरकार ने उन्हें 1989 में भारत रत्न दिया।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सबसे अधिक दलित विधायक और सांसद भाजपा के हैं। देश के प्रतिष्ठित नेता को राष्ट्रपति भी भाजपा की मोदी सरकार ने ही बनाया है।
गौरतलब है पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी ऐक्ट के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए इसके तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी न किए जाने का आदेश दिया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी ऐक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दे दी गई थी। जबकि मूल कानून में अग्रिम जमानत की व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं दर्ज मामले में गिरफ्तारी से पहले डिप्टी एसपी या उससे ऊपर के रैंक का अधिकारी आरोपों की जांच करेगा और फिर कार्रवाई होगी।
कोर्ट के इस फैसले के बाद दलित संगठनों और नेताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। आपको बता दें कि इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, थावरचंद गहलोत सहित कई सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।