मां चीखती रही और प्रदर्शनकारियों ने रोके रखी एंबुलेंस, मासूम की मौत

मां चीखती रही और प्रदर्शनकारियों ने रोके रखी एंबुलेंस, मासूम की मौत

भारत बंद के दौरान लगाए गए जाम में एंबुलेंस के फंस जाने के कारण नवजात की रास्ते में ही मौत हो गयी। सहदेई प्रखंड क्षेत्र के मुरौवतपुर अंबेडकर चौक से सुलतानपुर के बीच जाम में एंबुलेंस के फंस गई। मृत बच्चा महनार के लावापुर निवासी रसीदा खातून का था। रशीदा खातून अपने मायके लावापुर आई हुई थी उसका प्रसव महनार पीएचसी में हुआ। लड़के ने जन्म लिया। जन्म लेने के बाद ही बच्चे की सेहत बिगड़ने लगी। चिकित्सकों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन नवजात को हाजीपुर अस्पताल ले जा रहे थे। अंबेडकर चौक से प्रदर्शन के कारण जाम होने के कारण एंबुलेंस देर से अस्पताल पहुंची, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

मुज्जफरपुर: भारत बंद के दौरान अस्पताल ले जाते समय बिहार के मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर की सीता देवी की मौत हो गई। बीमार होने के कारण सीता देवी को उनकी बहू रिक्शे से निजी अस्पताल ले जा रही थी। बंद के दौरान शहर में प्रदर्शन हो रहा था इससे जाम लग गया। उन्हें दो किलीमीटर दूरी पार करने में दो घंटे लग गए। जिससे सीता देवी की मौत हो गई। इससे घर में कोहराम मच गया। सीतादेवी के घर वालों का कहना था कि उन्होंने प्रदर्शकारियों से बहुत गुहार लगाई। पुलिस को भी उन्हें निकालने को कहा मगर किसी हो हल्ला में किसी ने नहीं सुनी। दो घंटे बाद जब वे अस्पताल पहुंचे तो सीतादेवी की मौत हो चुकी थी।

आगरा : दलित आंदोलन की आंच में नन्हे-मुन्ने स्कूली बच्चे भी नहीं बच सके। तेहरा के निकट स्थित माही इंटरनेशनल स्कूल में 35 बच्चे फंस गए हैं। ये सभी तीसरी से नवीं कक्षा तक के छात्र हैं। इनके साथ छह शिक्षक भी स्कूल में फंसे हुए हैं। स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को छात्रवास में ठहराया है। उनके खाने का भी इंतजाम किया है।

जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर शहर में पथराव के दौरान ड्युटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी को हृदयाघात आ गया जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हृदयघात से पीड़ित सहायक उप निरीक्षक महेन्द्र चौधरी को तत्काल निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक है। बंद समर्थकों ने गिरने के बाद भी उन्हें नहीं उठाया।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की रहने वाली 46 वर्षीय सविता सैनी की दोनों किडनी खराब हैं और वो डायलिसिस के लिए वैगन आर कार से गाजियाबाद आ रही थीं लेकिन मेरठ हाइवे एनएच 58 पर पहुंचते ही प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार पर हमला कर दिया। विरोध कर रहे एक गुट ने उनकी गाड़ी को रुकवाया और लोहे की रॉड से उनकी कार के शीशे तोड़ दिए। कार में सवार लोगों की सांसें थम सी गईं। सविता सैनी ने बताया कि,मेरी दोनों किडनी खराब हैं जिसकी वजह से मुङो हर 15 दिन में डायलिसिस करवाना पड़ता है, ऐसा नहीं करने पर मेरी जान तक जा सकती है। मेरे बच्चे सुरक्षित है, और क्या चाहिए।’

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