बोर्ड एक्जाम्स की टेंशन

बोर्ड एक्जाम्स की टेंशन

परीक्षा की तैयारी के समय डर कैसे कम किया जा सकता है यह जानना जरूरी है। हिन्दुस्तान से बातचीत में परीक्षा के तनाव को कम करने के ट्रिक्स बता रही हैं डॉ. स्नेहल सिंह (वरिष्ठ लाइफस्टाइल मैनेजमेंट कन्सल्टेंट, हेल्थियंस)।

बोर्ड एक्जाम का तनावः बच्चों को कैसे करें तैयार
परीक्षा की तैयारी के समय डर को कम करने वाले तरीकों को जानना जरूरीः डॉ. स्नेहल सिंह (वरिष्ठ लाइफस्टाइल मैनेजमेंट कन्सल्टेंट, हेल्थियंस) 
आप अपने बच्चे की बोर्ड एक्जाम की तैयारी में जुटे हैं? फिर तो आपने परीक्षा की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी होगी। लेकिन क्या आप परीक्षा के तनाव से निपटने में उनकी सहायता कर रहे हैं। यह सच है कि परीक्षा का समय बच्चों और उनके माता-पिता, दोनों के लिए तनाव भरा होता है, जिसमें कुछ तनाव सकारात्मक परिणाम देते हैं तो वहीं अच्छे प्रदर्शन के लिए जरूरत से अधिक स्ट्रेस (तनाव) का विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है। लेकिन समझदार माता-पिता होने के नाते आप अपने बच्चों को ऐसे तनाव से निपटने में सक्षम बना सकते हैं। यह सभी मानेंगे कि परीक्षा और तनाव, दोनों ही जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। बच्चों को किसी न किसी तरीके से आंकना आवश्यक होता है और बोर्ड की परीक्षा इन्हीं मूल्यांकन की विधियों में से एक है। इसलिए परीक्षा की तैयारी करते समय परीक्षा के डर को कम करने वाले तरीकों को जानना भी उतनी ही जरूरी है। हेल्थियंस की डॉ. स्नेहल सिंह (वरिष्ठ लाइफस्टाइल मैनेजमेंट कन्सल्टेंट) बता रही हैं, तनाव से निपटने के कुछ प्रभावी तरीके।

परीक्षा के तनाव और चिंता से कैसे निपटें?
परीक्षा के तनाव से निपटना मुश्किल नहीं है। इसके लिए तीन कदम आवश्यक होते हैं पहला है – परीक्षा की तैयारी करना, दूसरा है – आत्मविश्वास होना और तीसरा और सबसे अहम है – नतीजे के प्रति सकारात्मक अपेक्षा रखना। कई बच्चों और परिजनों को परीक्षा का तनाव इसलिए होता है क्योंकि उनके मन में परीक्षा में प्रदर्शन और उसके नतीजों का डर होता है। इसका कारण या तो आत्मविश्वास की कमी या परीक्षा में बेहतरीन नतीजे लाने का दबाव होता है।

ऐसी स्थिति में माता-पिता परीक्षा और उसकी तैयारियों में सहयोग देकर बच्चों की सहायता कर सकते हैं। माता-पिता बच्चों के प्रेरणास्रोत होते हैं और बच्चों की भावनात्मक स्थिति काफी हद तक माता-पितां के सहयोग पर निर्भर करती है। एक रोल मॉडल होने के नाते माता-पिता को अपने तनाव से निपटना भी आना चाहिए और उन्हें बच्चों को भी परीक्षा के तनाव से प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम बनाना चाहिए। याद रखें, महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात है लेकिन सबसे अच्छा उपाय है बिना दबाव डाले सकारात्मक तरीके से मजबूत बनाना।

परीक्षा का तनाव होना एक बात है, लेकिन यदि आप परीक्षा में तनाव के लक्षणों से परिचित हों तो आप इनसे बेहतर तरीके से निपट सकते हैं। परीक्षा के तनाव के लक्षण इस प्रकार हैं

  • सरदर्द और माइग्रेन
  • मांसपेशियों में तनाव और शरीर का दर्द
  • भूख में बदलाव दिखना, पेट में दर्द
  • कब्ज या दस्त
  • नींद की परेशानी
  • चिड़चिड़ापन बढ़ जाना और मूड में बदलाव
  • ध्यान एकाग्र करने में परेशानी

ये कुछ आम लक्षण हैं, लेकिन यदि ये लंबे समय तक जारी रहें तो ये परेशानी के सबब बन सकते हैं या परीक्षा के प्रदर्शन को भी प्रभावित कर सकते हैं। दिल का तेजी से धड़कना, तेज रफ्तार से सांस भरना और हाथों में पसीना आना तनाव के कुछ गंभीर लक्षण हैं, जो अक्सर बोर्ड एक्जाम के दौरान दिखाई देते हैं।
एक माता-पिता होने के नाते आप इन लक्षणों पर ध्यान देते हुए बच्चों को तनाव से निपटने में मदद कर सकते हैं। जहां जरूरी हो वहां वे तैयारी में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए बच्चों का मार्गदर्शन कर सकते हैं। एक सहयोगी और सकारात्मक माता-पिता अपने बच्चे को भी सकारात्मक और आत्मविश्वासी बना सकता है। हर बच्चे का व्यक्तित्व अलग होता है और सीखने के उनके अपने तरीके होते हैं, इसलिए बच्चों की आपस में तुलना करने से बचें। अपने बच्चे की क्षमताओं की सराहना करें और उन्हें अपने तरीके से सफल बनने के लिए प्रोत्साहित करें।

फायदे के मुकाबले तनाव के नुकसान ज्यादा होते हैं। तो आखिर परीक्षा के तनाव से कैसे निपटा जाए? पहला कदम है- परीक्षा की तैयारी की योजना बनाना और उसके बाद परीक्षा के दौरान स्ट्रेस मैंनेजमेंट (तनाव से निपटने) की योजना बनाना।

परीक्षा के पैटर्न को अच्छी तरह से समझ लें और उनमें पूछे जाने वाले प्रश्नों से अच्छी तरह परिचित हो जाएं। इससे आपमें आत्मविश्वास आएगा और सही योजना बनाने में मदद मिलेगी।

  • सभी साधनों का प्रभावी रूप से उपयोग करें, जहां शंका हो वहां एक्सपर्ट की सलाह लें।
  • प्रतिदिन प्रैक्टिस (अभ्यास) करें और नियमित रूप से रिवीजन करें।
  • अपने समय का सही प्रबंधन करें, अपने टाइम-टेबल के अनुसार पढ़ाई करें और स्वस्थ रूटीन (दिनचर्या) बनाएं।
  • शरीर के संकेतों पर ध्यान दें, और जब जरूरी लगे तब आराम करें।
  • परीक्षा के बाद उत्तरों पर चर्चा करने से बचें। जो परीक्षा हो गई उसकी चिंता से परेशान होने की बजाय अगले पेपर पर फोकस करें।
  • यह सही है कि परीक्षा में अधिक रिवीजन की आवश्यकता होती है, लेकिन परीक्षा के समय आराम करना भी समान रूप से जरूरी है। लगातार पढ़ते रहने और तनाव से थकावट और कमजोरी हो सकती है, वहीं कुछ देर के आराम से मन और बुद्धि तरोताजा हो जाती है। परीक्षा के समय आप आराम करने के खुद के तरीके चुन सकते हैं।
  • एक ब्रेक लेकर बाहर जाकर टहलकर आएं, अपना पसंदीदा खेल खेलें या जिम जाएं
  • अपने शौक, संगीत, कला या कोई किताब पढ़ने का आनंद लें
  • स्ट्रेचिंग और प्रतिदिन व्यायाम से मांसपेशियों को तनाव मुक्त करें
  • रोजाना और परीक्षा के दौरान भी प्राणायाम (गहरी सांस भरना और छोड़ना) का अभ्यास करें
  • गर्म पानी से नहा लें
  • रात को अच्छी नींद लें

याद रखें, पर्याप्त नींद और आराम से याददाश्त और एकाग्रता बेहतर होती है और इनसे आपके प्रदर्शन में सुधार आता है।

खान-पान का रखें खास ध्यान

बच्चों को स्वस्थ और तनाव मुक्त रखने में आहार की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। परीक्षा के तनाव से शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन्स बढ़ जाते हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन होता है और इसका असर भूख पर भी पड़ता है। कुछ बच्चों को बिल्कुल भूख नहीं लगती और कुछ को जंक, उच्च फैट वाले भोजन या मिठाई खाने की इच्छा होती है। लेकिन वास्तव में इसी समय ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना जरूरी होता है।

परीक्षा के तनाव में शरीर में कुछ विटामिन और मिनरल की आवश्यकता बढ़ जाती है, इसलिए एक स्वस्थ आहार (डायट) बहुत जरूरी होता है।

  1. अपने आहार में होल ग्रेन (साबुत अनाज), ताजा फल और सब्जियां शामिल करें। फिट रहने के लिए प्रोटीन से युक्त आहार आवश्यक होता है। इसलिए स्प्राउट्स (अंकुरित दाल), दाल, अंड, मछली और कम वसा (फैट) वाला मांस जैसे उच्च प्रोटीन वाले भोजन का सेवन करें।
  2. ओमेगा-3-फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ याददाश्त बढ़ाने, एकाग्रता सुधारने और बच्चों को चुस्त बनाने में सहायता करते हैं। ओमेगा-3-फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ में शामिल हैं अखरोट, बादाम, सूरजमुखी, तरबूज और अलसी और वसा युक्त मछलियां जैसे मैकेरल, सालमन और ट्यूना।
  3. अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य खाना खाएं। पोषण युक्त नाश्ता करें और बाहर जाने से पहले दोपहर का भोजन और स्नैक्स साथ पैक कर लें।
  4. पानी का सेवन करते रहें। अधिक से अधिक पानी पीएं और बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ रखें। अधिक चीनी और कैफीन युक्त पेय पदार्थ के सेवन से बचें, इसकी बजाय नारियल पानी, छाछ और ताजे फल का सेवन करें।

हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा मौजूद है, लेकिन प्रभावी रणनीतियों से आप निश्चित ही तनाव से निपट सकते हैं। माता-पिता तैयारी में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए बोर्ड एक्जाम के तनाव से निपटने में बच्चों की मदद कर सकते हैं। जरूरी है कि पढ़ाई और परीक्षा के विषय में अच्छे विचार और सही अध्ययन की आदतों का पालन किया जाए। नियमित रूप से पढ़ाई और प्रैक्टिस से बच्चों में आत्मविश्वास आता है और वे बिना किसी भय के परीक्षा दे सकते हैं।

बोर्ड एक्जाम के पहले और परीक्षा के दौरान सेहतमंद रहना भी बहुत जरूरी है। माता-पिता संतुलित आहार और एक स्वस्थ दिनचर्या की भेंट देकर बच्चों को स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं।

यदि रचनात्मक नजरिया रखें तो परीक्षा भी एक बेहतरीन अनुभव साबित हो सकता है। अपना तनाव खुद मैनेज करें और बच्चों को तनाव युक्त रहने की बजाय अध्ययन में आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करें। तब देखें बच्चे निश्चित ही अपना बेहतरीन प्रदर्शन देंगे।

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