चीन का स्पेस स्टेशन ‘द तियांगोंग-1’ दो साल से अंतरिक्ष में बेकार घूम रहा था। इस स्पेस स्टेशन के धरती पर गिरने की आशंका जताई जा रही थी। स्पेस स्टेशन में भारी मात्रा में जहरीले रसायन होने के कारण खतरा बना हुआ था। लेकिन राहत की खबर यह है कि रविवार देर रात यह स्पेस स्टेशन धरती के वायुमंडल में पहुंचते ही क्रैश हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह स्पेस स्टेशन दक्षिण प्रशांत महासागर में गिरा। भारतीय समय के मुताबिक रविवार देर रात करीब 1.45 पर धरती के वायुमंडल में पहुंचा और धरती के वायुमंडल में पहुंचते ही क्रैश हो गया।
ऐसी संभावनाएं जताई जा रही थी
पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि जैसे ही यह स्पेस स्टेशन वायुमंडल में प्रवेश करेगा, तो उसका अधिकांश हिस्सा जल कर राख हो जाएगा। यह भी कहा गया है कि मलबे का बड़ा टुकड़ा धरती तक नहीं पहुंचेगा। यह पहली बार नहीं है, जब कोई उपग्रह या अंतरिक्ष यान अनियंत्रित होकर धरती पर गिरा। इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं।
कब लॉन्च किया गया था द तियांगोंग-1
इस स्पेस स्टेशन को सितंबर 2011 में बीजिंग से लॉन्च किया गया था। लॉन्चिंग के 5 साल बाद मार्च 2016 से इससे आधिकारिक रूप से डेटा मिलना बंद हो गया था। चीन की स्पेस एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने मई 2017 में बयान जारी कर कहा था कि उसका स्पेस स्टेशन से मार्च 2016 से संपर्क टूट गया था और ये अंतरिक्ष में घूम रहा है और किसी भी वक्त धरती पर क्रैश हो सकता है।
इससे पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
मीर स्टेशन
23 मार्च 2001 : सोवियत संघ की अंतरिक्ष में लंबी छलांग का प्रतीक मीर स्टेशन न्यूजीलैंड और चिली के बीच प्रशांत महासागर में 23 मार्च 2001 को गिरा। उसके जलते हुए मलबे को फिजी के आसमान के ऊपर देखा गया। यह 1986 में रवाना हुआ था।
सलयुत 7
सात फरवरी 1991 : सोवियत यूनियन के अंतरिक्ष कार्यक्रम का यह अंतिम यान था। 40 टन के इस यान का मलबा कुछ तकनीकी खराबी आने के बाद सात फरवरी 1991 को अर्जेंटीना में गिरा। यह 1982 को अंतरिक्ष रवाना हुआ था।
स्काईलैब
11 जुलाई 1979 : स्काईलैब अमेरिका का पहला अंतरिक्ष स्टेशन था, जिसे नासा ने 1973 में लांच किया था। 1974 तक इसमें क्रू मौजूद रही, मगर इसके बाद 85 टन के अंतरिक्ष स्टेशन में कुछ खराबी आ गई और यह 11 जुलाई 1979 को ऑस्ट्रेलिया में क्रैश हो गया।
कोलंबिया
एक फरवरी 2003 : कोलंबिया स्पेस शटल का हादसा अब भी बहुत से लोगों के जेहन में ताजा होगा। इस हादसे में यान में मौजूद सभी सात अंतरिक्षयात्रियों की मौत हो गई थी। यह 80 टन का यान टेक्सास और लुइसियाना में एक फरवरी 2003 को क्रैश हो गया।