फेसबुक से डेटा चोरी का खुलासा करने वाले कैंब्रिज एनालिटिका (सीए) के पूर्व कर्मचारी और व्हिसलब्लोअर क्रिस्टोफर वायली ने बुधवार को भारत से जुड़े चौकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने लगातार कई ट्वीट कर बताया कि ब्रिटिश फर्म सीए के पास भारत का पूरा जातीय आंकड़ा है, जिसका इस्तेमाल देश के कई चुनावों में किया गया था।
इससे पहले ब्रिटिश संसद की प्रवर समिति को डाटा लीक मामले में कई जानकारियां देने के बाद वायली ने अब ट्वीट से सूचनाएं साझा की। उन्होंने कहा, मुझे भारतीय पत्रकारों के कई संदेश मिले हैं, जिसमें उन्होंने कैंब्रिज एनालिटिका से जुड़ी और भारत में काम करने वाली कंपनी एससीएल के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके बाद मैं भारत के साथ एससीएल कंपनी के कुछ पुराने प्रोजेक्ट के दस्तावेज शेयर कर रहा हूं। उन्हें बताना चाहता हूं कि इन कंपनियों के कई कार्यालय भारत के विभिन्न हिस्सों में चल रहे हैं। यह कंपनी वर्ष 2003 से भारत में काम कर रही है। इस दौरान चोरी किए हुए डाटा के इस्तेमाल से भारत के कई राज्यों में जातिगत शोध आंकड़े तैयार किए गए। एससीएल के पास भारत के लोगों की छोटी से छोटी जानकारी जैसे घरेलू स्तर की जनसांख्यिकी, जाति आदि मौजूद है। ये सभी आंकड़े ऑनलाइन मैप से जुड़े हैं, जिनका इस्तेमाल क्षेत्र विशेष में मतदाताओं की पहचान के लिए किया जाता था, जिससे मतदाताओं का मूड भांपने या उनके विचार बदलने में मदद मिलती थी।
कांग्रेस को मदद का दावा
इससे पहले वायली ने कहा था कि सीए ने भारत में एक कार्यालय और कर्मचारियों के साथ प्रभावी तरीके से काम किया और मेरा विश्वास है कि कांग्रेस उनका (सीए) ग्राहक था। उन्होंने दस्तावेज होने का दावा करने के साथ आरोप लगाए थे कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2011 में एक राष्ट्रीय पार्टी के लिए एससीएल ने जाति सूचकांक आधारित शोध अभियान चलाया था।
कर्मचारी की हत्या की आशंका जताई
वायली ने ब्रिटिश संसद की प्रवर समिति को दी गई सूचना में बताया कि भारत में कंपनी की परियोजना पर काम कर चुके रोमानिया के एक कर्मचारी की केन्या में जहर देकर हत्या किए जाने की आशंका है। क्रिस्टोफर ने कहा कि डेन मुरेसन ने भारत की परियोजना पर काम किया था, लेकिन एक करार के फेल हो जाने के बाद वर्ष 2012 में केन्या के एक होटल में उन्हें शायद जहर देकर मार दिया गया। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके पुख्ता प्रमाण नहीं हैं, लेकिन मैंने सुना था कि 24 घंटे तक होटल के कमरे में प्रवेश नहीं करने के लिए पुलिस को रिश्वत दी गई थी।
ये दावे किए
-वायली ने कहा कि एससीएल के पास भारत के 600 जिलों के सात लाख गांवों का आंकड़ा है।
-सीए से जुड़ी एससीएल भारत में खाद्य सुरक्षा, मादक पदार्थ सहित चुनावी अभियानों में मदद करती है।
-अहमदाबाद, बेंगलुरु, कटक, गाजियाबाद, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोलकाता, पटना और पुणे समेत पूरे भारत में कार्यालय है।
-एससीएल पिछले 18 वर्षों से कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ मिलकर काम रही है।
-एक राष्ट्रीय पार्टी के कहने पर एससीएल ने वर्ष 2012 में जातीय आंकड़े जुटाए।
-राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार सहित कई विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों के लिए मतदाताओं का मूड भांपने के लिए सर्वे किया।