पावर कॉरपोरेशन भर्ती में घोटाला, सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन परीक्षा में लगाई थी सेंध, 12 अरेस्ट

पावर कॉरपोरेशन भर्ती में घोटाला, सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन परीक्षा में लगाई थी सेंध, 12 अरेस्ट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की जेई भर्ती परीक्षा की जांच में घोटाला उजागर हो गया। एसटीएफ ने इस मामले में फर्जीवाड़ा करने वाले दो कॉलेज प्रबंधकों और कर्मचारियों समेत 12 लोगों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने उनके कब्जे से 15 कम्प्यूटर, 12 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक डोंगल व 7.57 लाख रुपये बरामद किये हैं। खुलासा हुआ है कि जालसाजों ने भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने के अलावा परीक्षार्थियों के स्थान पर सॉल्वर भी बैठाए थे।

विभिन्न पदों के लिए हुई इस ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में आरोपियों ने एमी एडिमन सॉफ्टवेयर की मदद से सेंध लगाई और सॉल्वर को आईडी/पासवर्ड मुहैया करवा कर उनसे परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दिलवाई थी। एसटीएफ का दावा है कि आरोपियों ने 14-14 लाख रुपये में अभ्यर्थियों से भर्ती परीक्षा पास करवाने की डील की थी। एसटीएफ ने चार परीक्षार्थियों को भी गिरफ्तार किया है।

इस खुलासे के साथ भर्ती परीक्षा करवाने वाली संस्था ‘एपटेक’ व यूपी पावर कॉरपोरेशन की परीक्षा संचालक समिति भी जांच के दायरे में आ गई है। एसटीएफ इस मामले में विभाग के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है।

एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा आयोजित अवर अभियंता भर्ती परीक्षा-2021 में धांधली की सूचना मिली थी। सीएम के आदेश पर प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने एसटीएफ को मामले की जांच के निर्देश दिए थे।

26 हजार अभ्यर्थियों का ब्योरा खंगाला 
एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि एसटीएफ ने एपटेक से भर्ती परीक्षा का ब्योरा जुटाने के साथ शिकायतकर्ता अभ्यर्थियों से पूछताछ की। इसके बाद जांच टीम ने भर्ती परीक्षा में शामिल हुए 26000 अभ्यर्थियों के डाटा का विश्लेषण किया। इस विश्लेषण से इनमें संदिग्ध अभ्यर्थियों को चिन्हित किया गया।

दो तरह से की गड़बड़ी
पड़ताल में उजागर हुआ कि यूपी पावर कॉरपोरेशन द्वारा जूनियर इंजीनियर परीक्षा-2021 के साथ-साथ सहायक समीक्षा अधिकारी, कार्यालय सहायक, अपर निजी सचिव आदि पदों पर भर्ती के लिए एपटेक ने परीक्षा आयोजित कराई थी। इन परीक्षाओं में भारी रकम ऐंठ कर दो तरह से गड़बड़ी की गई। पहला तो जालसाजों ने परीक्षा का पेपर लीक कराया, वहीं दूसरा ऑनलाइन हैकिंग के जरिए परीक्षा के प्रश्न पत्र सॉल्वर से हल करवाए।

आईडी-पासवर्ड देकर हल करवाए पेपर 
सीओ सत्यसेन यादव ने बताया कि ऑनलाइन पेपर सॉल्व कराने के लिए जिन स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया गया उनके मालिक व प्रबंधकों ने लैब स्थापित करने वाले टेक्नीशियन के जरिए दूसरे कंप्यूटर सिस्टम में ‘एमी एडमिन सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करवाया। फिर उसका आईडी व पासवर्ड सॉल्वर को मुहैया करा दिया गया। इसकी मदद से बाहर बैठे सॉल्वरों ने परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा देकर उन्हें लाभ पहुंचाया। वहीं कुछ अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र व उनके सही उत्तर परीक्षा से एक घंटे पहले ही उपलब्ध करा दिए गए। एसटीएफ के मुताबिक जालसाजों ने जूनियर इंजीनियर पद के लिये परीक्षा दे रहे अभ्यर्थियों से 14-14 लाख रुपये तक वसूले।

होटल में बैठकर रटे सही जवाब 
एसटीएफ के हत्थे चढ़े अभ्यर्थियों ने बताया कि जालसाजों ने उन्हें बीती 11 फरवरी को परीक्षा वाले दिन सुबह आठ बजे बासमंडी चौराहा स्थित होटल उमंग में बुलाया था। जहां परविंदर सिंह व उसके साथियों ने उन्हें दूसरी पाली का पेपर व उत्तर मुहैया कराए थे। एक घंटा पहले प्रश्न पत्र मिलने पर उन लोगों ने उसके सही उत्तर रट लिए थे। परीक्षा में परविंदर सिंह द्वारा दिया गया पेपर ही आया, जिसे उन लोगों ने आसानी से हल कर दिया था।

कॉलेज प्रबंधक व कर्मचारी ने किया खेल 
संदिग्ध अभ्यर्थियों को एसटीएफ टीम ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो जालसाजी का खुलासा हो गया। अभ्यर्थियों ने बताया कि उन्होंने यह परीक्षा पेपर लीक के जरिए और ‘एमी एडमिन सॉफ्टवेयर के जरिए बाहर बैठे प्रोफेशनल सॉल्वरों की मदद से पास की थी। उन्होंने बताया कि मानकनगर के कनौसी स्थित जेके पब्लिक स्कूल और राजाजीपुरम स्थित महाबीर प्रसाद डिग्री कॉलेज से इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है। इस खुलासे के बाद एसटीएफ टीम ने जेके पब्लिक स्कूल में छापेमारी करके प्रबंधक ज्ञानेंद्र सिंह यादव, उसके गुर्गे संजय राजभर व दीपमणि यादव व महाबीर प्रसाद डिग्री कॉलेज के प्रबंधक डॉ. अमित सिंह को दबोच लिया। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर कॉलेज की लैब से संदिग्ध कंप्यूटर, सीपीयू, लैपटॉप बरामद किए हैं।

ये हुए गिरफ्तार 
– जेके पब्लिक स्कूल का प्रबंधक ज्ञानेन्द्र सिंह यादव। ज्ञानेन्द्र स्कूल में एमी एडमिन सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करके आईडी-पासवर्ड सॉल्वर को उपलब्ध कराता था।
– महाबीर प्रसाद डिग्री कॉलेज का प्रबंधक डॉ. अमित सिंह। स्कूल में एमी एडमिन सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर आईडी-पासवर्ड सॉल्वर को उपलब्ध कराता था।
– महाबीर डिग्री कॉलेज का कर्मचारी संजय राजभर। सॉल्वर को सॉफ्टवेयर की आईडी-पासवर्ड देता था।
– जेके पब्लिक स्कूल का टेक्नीशियन दीपमणि यादव। कंप्यूटरों में एमी एडमिन सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करता था।
– संजय जायसवाल। सॉल्वरों और अभ्यर्थियों के बीच बिचौलिये की भूमिका अदा करता था।
– अभय यादव। अभ्यर्थियों को ढूंढकर पेपर लीक गैंग तक पहुंचाता था।
– धीरेंद्र वर्मा। अभ्यर्थियों को ढूंढकर पेपर लीक गैंग तक पहुंचाता था।
– संजय गौड़। अभ्यर्थियों से डील करने के साथ उन्हें पेपर लीक गैंग तक पहुंचाता था।

चार परीक्षार्थी गिरफ्तार 
सैय्यद अफसर हुसैन, विपिन कुमार सिंह, राकेश कुमार, राम बाबू यादव

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