चार लोग इस हाईटेक तरीके से सॉल्व कराते थे पेपर, वसूलते थे लाखों रुपए

चार लोग इस हाईटेक तरीके से सॉल्व कराते थे पेपर, वसूलते थे लाखों रुपए

दिल्ली पुलिस ने एसएससी मैट्रिक लेवल परीक्षा में कमरे में बैठकर पेपर हल कर रहे गिरोह के चार सदस्यों को मंगलवार दोपहर गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से तीन लैपटॉप, दस मोबाइल फोन सहित 51 लाख नगद बरामद हुए हैं।  डीसीपी जतिन नरवाल ने बताया कि यूपी पुलिस की एसटीएफ टीम को सूचना मिली थी कि एक गिरोह एसएससी की ऑनलाइन परीक्षा में हाईटेक तरीके से पेपर हल करा रहा है।  यह गिरोह तिमारपुर इलाके में स्थित गांधी विहार के फ्लैट से संचालित हो रहा है। इसके बाद यूपी पुलिस की सूचना के आधार पर ऑपरेशन सेल के इंस्पेक्टर सुनील शर्मा, एसआई प्रेम और एसआई रविंद्र की टीम गठित की गई।

इस टीम ने मंगलवार दोपहर को गांधी विहार के बी ब्लाक स्थित फ्लैट से छापा मारकर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान गौरव नैय्यर निवासी नेहरू विहार तिमारपुर दिल्ली, अजय व परमजीत निवासीगण बहादुरगढ़ हरियाणा और सोनू निवासी लोनी गाजियाबाद के तौर पर हुई है। पुलिस ने बुधवार को आरोपियों को तीसहजारी कोर्ट में पेश किया। उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

पेपर हल कर रहे थे आरोपी: जब पुलिस ने फ्लैट पर छापा मारा उस वक्त आरोपी लैपटॉप के सहारे पेपर हल करा रहे थे, लेकिन पुलिस के आते ही जल्दबाजी में इन्होंने सिस्टम बंद कर दिया। इससे पुलिस को इस बात का पता नहीं चल पाया कि वे किस छात्र का पेपर हल करा रहे थे। पुलिस ने इनके बेड से नोटों के बंडल बरामद किए हैं।

दो मुख्य आरोपी फरार : गिरोह का सरगना हरपाल और अन्नू हैं। हरपाल यूपी के बिक्री कर विभाग में क्लर्क के तौर पर कार्यरत है। वह अन्नू के साथ 2001 के पेपर हल करने के धंधे में शामिल था। पुलिस इनकी तलाश में छापेमारी कर रही है।

टीम व्यूवर सॉफ्टवेयर से हैक करते थे : आरोपी टीम व्यूवर सॉफ्टवेयर के जरिए परीक्षार्थी का कंप्यूटर सिस्टम हैक कर पेपर हल करते थे। दरअसल, एसएससी ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर रहा है। इसके लिए प्राइवेट वेंडर को परीक्षा का जिम्मा दिया गया है। प्राइवेट वेंडर परीक्षा आयोजित करने के लिए कम्प्यूटर लैब को किराए पर ले लेता है,। आरोपी इसी का फायदा उठाते थे।

लैब की मिलीभगत से चल रहा था फर्जीवाड़ा : एक आरोपी ने बताया कि परीक्षार्थी के कम्प्यूटर में यह सॉफ्टवेयर अपलोड रहता है। इससे जब पेपर शुरू होता है तो परीक्षा केंद्र से दूर फ्लैट में बैठा इंजीनियर टीम व्यूवर सॉफ्टवेयर के जरिए परीक्षार्थी के कम्प्यूटर तक पहुंच जाता है और रिमोट एसेस मिल जाती है। इसके लिए उसे लैब के इस कम्प्यूटर के लॉगइन आईडी और पासवर्ड की जरूरत होती है। इसके बाद आरोपी दूर से ही परीक्षार्थी की जगह खुद ही पेपर सॉल्व कर देते हैं।

10 मार्च से संचालित हो रहा था : पूछताछ में मालूम हुआ कि गांधी विहार के फ्लैट में ये लोग 10 मार्च से पेपर सॉल्व कर रहे थे। इस बात की भनक आसपास के लोगों को भी नहीं थी।

आरोपियों ने बताया कि अब तक 150 छात्रों के लिए पेपर हल करने का काम किया है। ये हर छात्र से 5 से 10 लाख रुपये तक वसूलते थे। हालांकि, अगर कोई मध्यस्थ आ जाता था तो यह राशि बढ़ जाती थी। आरोपियों ने बताया कि 5 करोड़ रुपये हरपाल अपने साथ लेकर जा चुका है। आरोपियों ने बताया कि उन्हें इस काम के इतने पैसे मिलते थे कि दूसरा काम करने की कोई जरूरत ही नहीं थी। इसीलिए इस धंधे में लगे हुए थे।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी खुद पेपर सॉल्व नहीं करते थे। ये प्रश्नों के फोटो को व्हाट्सएप के जरिए सॉल्वर को भेजते थे। सॉल्वर उन्हें प्रश्नों का हल बताते और फिर ये प्रश्न हल करते थे। जब पुलिस ने छापा मारा तो इन्होंने तुरंत सम्पर्क तोड़ लिए। पास के फ्लैट में बैठे सॉल्वर भी सतर्क हो गए और वे फरार हो गए।

पूछताछ में मालूम हुआ है कि ये दस से पंद्रह हजार रुपये सॉल्वर को प्रश्नों को हल करने के लिए देते थे। प्रश्न पत्र हल करने वाले ये लड़के प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र हैं। एसएससी द्वारा निकाले गए करीब चार हजार पदों पर 4 मार्च से देशभर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा चल रही है।

डाटाएंट्री ऑपरेटर के इस पद के लिए करीब 62 लाख लोगों ने फॉर्म भरा था। आरोपियों ने गड़बड़झाला करने के लिए कम्प्यूटर लैब वालों से सांठगांठ कर ली थी। इस तरह आसमां, लिंगायत नाम से सरिता विहार, मुंडका और राजौरी गार्डन में तीन ऐसी लैब का पता चला है जिसे इनकी सांठगांठ थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस बात की सम्भावना है कि गांधी विहार जैसे ठिकाने दिल्ली-एनसीआर में और भी हो सकते हैं।

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