तीन लाख 21 हजार सस्ते मकान बनेंगे, जानें किसे होगा फायदा

तीन लाख 21 हजार सस्ते मकान बनेंगे, जानें किसे होगा फायदा

केंद्र सरकार ने शहरी गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत 18 हजार 203 करोड़ रुपये की लागत से तीन लाख 21 हजार 567 सस्ते मकानों के निर्माण को मंजूरी दी है। ये मकान हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और उत्तरप्रदेश सहित 14 राज्यों में बनाए जाने हैं।

केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि सस्ते मकानों के निर्माण को यह मंजूरी सोमवार को केंद्रीय आवंटन एवं निगरानी समिति की 32 वीं बैठक में दी गई। ये मकान देशभर के 523 शहरों में  बनाए जाएंगे।

केंद्र सरकार ने हरियाणा में 70 हजार 671, पश्चिम बंगाल में 59 हजार 929, राजस्थान में 54 हजार 821, उत्तरप्रदेश में 39 हजार 683, गुजरात में 35 हजार 851, मिजोरम में 15 हजार 798, कर्नाटक में 11 हजार 941, महाराष्ट्र में 10 हजार 649, मध्यप्रदेश में 5426, बिहार में 8154, केरल में 5073, हिमाचल प्रदेश में 3345, पंजाब में 176 और गोवा में 60 मकानों के निमार्ण को मंजूरी दी है।

गोवा में भी किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी मिलने के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी में सभी 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हो गए हैं।

मिलेगी मुफ्त जमीन
शहरी क्षेत्रों में रहने वाले कम आय वर्ग के लोगों को सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का और सरलीकरण किया जा रहा है। विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को इस योजना में कांशीराम योजना की तर्ज पर नजूल की जमीन मुफ्त में दी जाएगी। आवास विभाग इस संबंध में जल्द ही संशोधित शासनादेश जारी करने की तैयारी कर रहा है।

केंद्र सरकार ने शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की है। राज्य सरकार ने इस योजना के आधार पर शहरी क्षेत्रों में रहने वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना में दो लाख रुपये में दो कमरे का मकान देने की योजना शुरू की है। इस योजना में मकान बनेंगे साढ़े चार लाख रुपये में, लेकिन इसमें ढाई लाख रुपये सब्सिडी दी जाएगी।

आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने इस योजना में पहले साल एक लाख मकान देने का लक्ष्य विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद को दिया था, लेकिन जमीन न मिलने की वजह से योजना परवान नहीं चढ़ सकी।

आवास विभाग में हाल ही में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों और आवास विकास परिषद के आयुक्त की बैठक हुई थी। इसमें शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना में बनने वाले मकानों के प्रगति के बारे में जानकारी मांगी गई। अधिकतर अधिकारियों ने मकान के लिए जमीन न होने की जानकारी दी।

अधिकारियों ने इसके साथ ही यह तर्क रखा कि इस योजना में मकान बनाने का लक्ष्य पाने के लिए कांशीराम आवास योजना की तर्ज पर जमीन की व्यवस्था की जाए। सूत्रों का कहना है कि इसी के आधार पर शासन स्तर पर तय किया गया है कि शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनाने के लिए विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद को नजूल की जमीनें मुफ्त में दी जाएंगी। आवास विभाग इस संबंध में जल्द ही शासनादेश जारी करने वाला है।

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