घर में बच्चों की पहुंच में न रखें ये 5 चीजें

घर में बच्चों की पहुंच में न रखें ये 5 चीजें

हाल ही में राममनोहर लोहिया अस्पताल में एक नौ वर्षीय बच्चे को गलती से टॉयलेट साफ करने वाला तेजाब पीने के कारण भर्ती कराया गया। तेजाब से बच्चे की आहार नाल पूरी तरह खत्म हो गई थी। हालांकि, चिकित्सकों ने अथक प्रयास कर उसकी जान बचा ली। हम आपको ऐसी कुछ चीजों के नुकसान से अवगत करा रहे हैं जो आमतौर पर घरों में पाई जाती हैं और जिन्हें बच्चों की पहुंच से दूर रखना बेहद जरूरी है। ‘हिन्दुस्तान’ की रिपोर्ट..

घरों में टॉयलेट आदि की सफाई के लिए एसिड या टॉयलेट क्लीनर का प्रयोग होता है। चिकित्सकों के अनुसार इन्हें बच्चों की पहुंच से दूर रखना बहुत जरूरी है। अगर 10 से 15 मिनट तक एसिड का धुआं सांस में चला जाए तो सांस से जुड़ी गंभीर समस्या हो सकती है। अस्थमा रोगी के एसिड के संपर्क में आने से उसे अटैक की आशंका रहती है। फेफड़ों में सूजन, नाक में छाले, होठ और नाखूनों के नीला होने तक की आशंका रहती है।

बच्चों की पहुंच से दूर रखें ये 5 चीजें

1- मच्छरों को मारने या भगाने वाली दवाएं
मच्छरों से बचने के लिए आमतौर पर मच्छर भगाने या मारने वाले उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें तीन खतरनाक केमिकल डी एथलीन, मेलफो क्वीन और फोस्टीन का इस्तेमाल होता है। तरल मच्छरमार दवा में पाए जाने वाले ट्रांसफ्लूथरीन केमिकल के इलाज के लिए अभीतक दवा तक नहीं है।

2- कीटनाशक
घरों में पाए जाने वाले कीटनाशक जैसे चूहा मार दवा, नेप्थालीन की गोलियां, कॉक्रोच चॉक आदि बच्चों के लिए बहुत घातक साबित हो सकती हैं। चूहा मार दवा में पाया जाने वाला तत्व आर्सेनिक एक घातक जहर होता है। इसे खाने के 15 मिनट के अंदर ही उल्टियां होने लगती हैं। शरीर की पेशियां ऐंठ जाती हैं और बेहोशी आ सकती है। ज्यादा मात्र जानलेवा साबित हो सकती है।

3- फिनायल
घरों में साफ-सफाई के लिए फिनाइल का इस्तेमाल होता है। इसमें कई ऐसे रसायन होते हैं जो शरीर में एक धीमे जहर की तरह काम करते हैं। फिनाइल में शक्तिशाली फिनोल होता है। इसके आंखों या त्वचा में चले जाने पर जलन हो सकती है। फिनोल की भाप सांस के माध्यम से अंदर जाने पर नाक, गला व फेफड़ों की अंदरुनी लाइनिंग तक जल सकती है। इस से दौरे पडऩा या कोमा तक हो सकता है।

4- पुरानी या बेकार पड़ी टैबलेट, कैप्सूल या सीरप
घरों में अक्सर पुरानी दवाएं मिल जाती हैं। अगर वो आपके बच्चों को यूं ही कहीं पड़ी मिल गईं तो उसे इन्हें मुंह में डालने में देर नहीं लगेगी। लेकिन, कई बार इन दवाओं का बच्चे की छोटी सी आंत पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इसलिए बची या बेकार दवा को सावधानी के साथ ऐसी जगह फेंकें कि बच्चे उसे न उठा पाएं।

 

5- सुई, सिरेंज या जंग लंगी धारदार चीज भी बच्चों के पहुंच से बाहर रखें। क्योंकि बच्चे इसे बेड पर या सोफा पर छोड़ सकते हैं जोकि घातक हो कसता है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up