अगर मिल गई ये सजा तो स्मिथ और वॉर्नर का खत्म हो सकता है क्रिकेट करियर!

अगर मिल गई ये सजा तो स्मिथ और वॉर्नर का खत्म हो सकता है क्रिकेट करियर!

क्रिकेट बॉल के साथ छेड़छाड़ करने के बाद स्टीव स्मिथ को खामियाजे के रूप में एक बाद एक झटके मिल रहे हैं। सबसे पहले उन्हें ऑस्ट्रेलिया टीम की कप्तानी छोड़नी पड़ी, इसके बाद उन पर एक मैच का बैन और 100 फीसदी फीस का जुर्माना लगा और अब IPL में राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी भी उनके हाथ से जा चुकी है। लेकिन अगर स्मिथ पर जांच के बाद संगीन आरोप लगते हैं, तो उनका शानदार क्रिकेट करियर खत्म होने की कगार पर आ जाएगा।

आपको बता दें कि स्टीव स्मिथ ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन बेनक्रॉफ्ट द्वारा बॉल टैंपरिंग को स्वीकार किया था और इसमें अपनी सलिंप्तता को भी माना था। उन्होंने मीडिया के सामने न सिर्फ गलती कुबूल की बल्कि ये भी बताया कि उन्होंने ऐसा करने के लिए बकायदा प्लानिंग की थी और इसके बारे में टीम के ‘सीनियर खिलाड़ियों’ को भी पहले से मालूम था। यही कारण है कि इसमें डेविड वॉर्नर को भी उपकप्तान के रूप में अपना पद छोड़ना पड़ा। अब क्रिकेट की एक वेबसाइट क्रिकइंफो ने कहा है कि अगर आईसीसी स्मिथ और वॉर्नर को सबसे कड़ी सजा देने का फैसला करती है तो उन दोनों पर जीवनभर के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का बैन लग सकता है, जिसे ‘लाइफ बैन’ कहा जाता है।

आगे पढ़िए- ICC से इन नियमों के तहत स्मिथ और वॉर्नर का करियर खत्म हो सकता है

आपको बता दें कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बॉल टैंपरिंग प्रकरण को लेकर तुरंत जांच के आदेश दिए थे। इसी को लेकर क्रिकेट बोर्ड का एक दल केपटाउन में स्मिथ, वॉर्नर टीम के कई खिलाड़ियों से पूछताछ करेगा। अगर स्मिथ और वॉर्नर को सबसे बड़ी सजा मिली तो उन्हें कोड ऑफ बिहेवियर नियम के मुताबिक लाइफटाइम के लिए बैन किया जा सकता है।

क्या है ये ‘लाइफ बैन’ का नियम
आईसीसी के नियमों के अनुसार, अगर कोई खिलाड़ी खेल के आदर्शों के खिलाफ जाकर कोई काम करता है, तो नियम 42 के मुताबिक उस पर लाइफ बैन लगाया जा सकता है। इस नियम के तहत कोड ऑफ कंडक्ट कमिश्नर के पास सबसे ज्यादा सजा दिए जाने का प्रावधान होता है लाइफ बैन। हालांकि ये सजा दो पहलुओं पर दी जाती है, पहला कि ‘क्रिकेट की भावना को मुकसान पहुंचाने की हरकत कितनी गंभीर है’ और ये कि ‘इस हरकत से क्रिकेट के मूल्यों को किस हद तक नुकसान पहुंचा है’। गेंद से छेड़छाड़ का मामला ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के नियमों में धारा 2.2.8 के अंतर्गत आता है।

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