अन्ना हजारे इस समय राजधानी में अनिश्चितकलीन भूख हड़ताल पर हैं। ऐसे में ज्यादा दिनों के अनशन से उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि शुरुआत इसकी डिहाइड्रेशन से होगी, अगर अनशनकारी सात दिन तक ऐसा कर ले तो उसके दिमाग पर भी असर पड़ सकता है। क्योंकि कुछ नहीं खाने से दिमाग में शुगर की मात्रा कम हो जाएगी।
बत्रा अस्पताल के डॉ. नबजीत तालुकदार बताते हैं कि अगर कोई अनशन करने वाला व्यक्ति लगातार पानी न पिए तो उसे डिहाइड्रेशन की दिक्कत होती है। वहीं उसकी उम्र क्या है, इस बात पर भी उसका स्वास्थ्य निर्भर करता है। वहीं न्यूट्रीशन नहीं लेगा तो शुरुआत में शरीर के लिवर के अंदर से ग्लूकोज से काम चल सकता है, लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिन तक नहीं रह सकती है। एक बार यह खत्म हो गया फिर इसके बाद शरीर के फैट से ग्लूकोज की भरपाई होती है। शुरुआत में शरीर में कमजोरी आती है, लेकिन इसका असर दिमाग पर भी हो सकता है।
डॉ. तालुकदार का कहना है कि क्योंकि दिमाग को भी ग्लूकोज की जरूरत पड़ती है। वहीं अपोलो अस्पताल के डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी ने बताया कि कई बार शुगर नहीं मिलने से किटोसिस यूरीन के रास्ते से निकलना शुरु हो जाता है। यह बताता है कि शरीर को कोई न्यूट्रीशन नहीं मिलता है। फिर यह धीरे धीरे दिमाग, किडनी और शरीर के अन्य अंगो को नुकसान पहुंचाता है। कई बार न्यूट्रीशन कम होने से ब्लड पे्रशर कम हो जाता है।