इंसान के साथ इंसान का का क्या सुलूक होना चाहिए

पुराने लखनऊ में एक परिवार ने पेश की वोह मिसाल

भटक कर आई बुजुर्ग मुस्लिम महिला की हिन्दू परिवार ने की सेवा


अम्बरगंज पुलिस और सोशल मीडिया के प्रयास से घर पहुचीं बुजुर्ग महिला

लखनऊ । धर्म मजहब सब दुनिया में आने के बाद बने उसने हमें इंसान बनाकर इस दुनिया में भेजा इस बात को आज एक परिवार ने अपने सुलूक से साबित कर इंसानियत का पैग़ाम तमाम इंसानों को दिया और यह भी बता दिया कि सिर्फ अच्छाई ही हर मजहब का संदेश है गंगा जमुनी तहजीब के लिए पूरी दुनिया में पहचाने जाने वाले हमारे देश हिंदुस्तान में जहां मौजूदा समय में हिंदू मुस्लिम विवादों से सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म भरे नजर आते हैं वही ऐतिहासिक नगरी पुराने लखनऊ से ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर ये कहा जा सकता है कि हिंदू मुसलमान कभी अपनी तहज़ीब अपने कर्तव्य को नहीं भूल सकते लोग चाहे जितना नफरत का ज़हर घोलने की कोशिश करें लेकिन हिंदू और मुसलमान कभी दिल से अलग नहीं हो सकते । पुराने लखनऊ के सआदतगंज थाना क्षेत्र के भुइयन देवी मंदिर के पास वज़ीरबाग़ में परचून की दुकान चलाने वाले कुलदीप गुप्ता ने इंसानियत की मिसाल कायम करते हुए गुरुवार को मोहल्ले में भटक कर आई 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की न सिर्फ सेवा सत्कार किया बल्कि उनको उनके घर तक पहुंचाने के लिए दिन रात एक कर दिए। भुइयन देवी मंदिर के पास वजीर बाग में रहने वाले कुलदीप गुप्ता की पत्नी रत्ना गुप्ता ने 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की रात भर सेवा की और सुबह होते ही उनके पति ने भटक कर आई बुजुर्ग महिला की सूचना सआदतगंज की अम्बरगंज
पुलिस चौकी को दी तो पुलिस भी बुजुर्ग महिला को उनके घर पहुंचाने के लिए जुट गई । वजीर बाग मोहल्ले में भटक कर आई 80 वर्ष महिला का नाम बशीरा है और वो अपने बेटे हाफिज फिदा हुसैन के साथ वजीरगंज थाना क्षेत्र के जनता नगरी मोहल्ले में रहती हैं। मदरसे में शिक्षक के पद पर तैनात फिदा हुसैन अपनी माता के गुम होने के बाद न सिर्फ पुलिस के माध्यम से उन्हें तलाश कर रहे थे बल्कि उन्होंने सोशल मीडिया का भी सहारा लेकर अपनी माता को ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी । इसी बीच गुरुवार को जनता नगरी से करीब 4 किलोमीटर दूर वजीर बाग मोहल्ले में भटक कर आई बुजुर्ग महिला को परचून की दुकान चलाने वाले कुलदीप गुप्ता और उनकी बीवी रत्ना गुप्ता ने शरण देकर रात भर उनकी सेवा की और शुक्रवार की सुबह होते ही उन्होंने सहादतगंज पुलिस को सूचना दी तो चौकी इंचार्ज सुशील कुमार यादव और सिपाही कुलदीप कुशवाहा ने बुजुर्ग महिला को उनके परिवार से मिलवाने की जद्दोजहद शुरू की । बुजुर्ग महिला अपना नाम पता स्पष्ट तौर से नही बता पा रही थी सोशल मीडिया के माध्यम से सआदतगंज पुलिस को सूचना मिली थी की भटक कर वजीर बाग मोहल्ले में आई बुजुर्ग महिला का नाम बशीरा है और वो अपने परिवार से भटक कर वजीरबाग पहुची थी । अम्बरगंज चौकी इंचार्ज ने वजीरगंज पुलिस से संपर्क किया और बुजुर्ग महिला बशीरा के पुत्र हाफ़िज़ फिदा हुसैन और पोते अल्ताफ को बुलाकर पुलिस चौकी में उनकी माता को सकुशल सुपुर्द कर दिया। अपनी मां को सकुशल पाकर उनके पुत्र फिदा हुसैन ने न सिर्फ अंबरगंज चौकी के पुलिस कर्मियों की तारीफ करते हुए उनका शुक्रिया अदा किया बल्कि कुलदीप गुप्ता और उनकी पत्नी रत्ना गुप्ता की तारीफ करते हुए उनकी मां की सेवा करने के लिए उनका नम आंखों से धन्यवाद अदा किया। बताया जा रहा है कि अपने घर से भटक कर वजीरबाग मोहल्ले में आई बुजुर्ग महिला बशीरा अपना नाम तो स्पष्ट नहीं बता पा रही थी लेकिन उनके बातचीत करने के तरीके से ये भली-भांति अंदाजा लग गया था कि बुजुर्ग महिला मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती हैं बावजूद इसके कुलदीप गुप्ता और उनकी पत्नी रत्ना गुप्ता ने बिना किसी भेदभाव के बुजुर्ग महिला बशीरा की रात भर सेवा की और अपने हाथों से खाना भी खिलाया।

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