डग्गामार वाहनों के खिलाफ चले अभियान का दिखा बड़ा असर

पुराने लखनऊ की सड़कों पर कम नज़र आए ई रिक्शा

अधिकतर सवारियां रही परेशान

लखनऊ ।पुराने लखनऊ में पुलिस के द्वारा डग्गा मार वाहनों के खिलाफ चलाई गई मुहिम का आज जायज़ा लेने हम और हमारे साथी पत्रकार निकले तो कई तरह के अहसास हुए पहला अहसास बहुत ही खूबसूरत अहसास था कि जिन रास्तों पर यातायात की समस्या रहती थी आज वोह रास्ते साफ़ सुथरे थे कोई भी ट्रैफिक समस्या नहीं थी।ट्रैफिक आराम से चल रहा था। लेकिन दूसरा अहसास जो हुआ वो बेहद दुखद था जिन लोगों की जरूरत ई रिक्शा की सवारी बन गई है वोह लोग बहुत परेशान नज़र आए वोह लोग या तो ई रिक्शा के इंतज़ार में जगह जगह खड़े नज़र आए या तो पैदल ही अपनी मंजिल की तरफ जाते हुए नज़र आए।जहां एक तरफ ट्रैफिक समस्या से निजात पाने वाले लोगों के लिए पुलिस की यह मुहिम राहत का संदेश लेकर आई है वहीं कुछ लोगों के लिए उनकी परेशानी का सबब भी है।तीसरा अहसास जो हुआ वोह भी बड़ा ही अजीब अहसास था।एक बड़ा गरीब तबका जिनकी रोज़ी रोटी ई रिक्शा बन गया है और वोह अपना परिवार इसी ई रिक्शा को चला कर चलाते हैं उनके चेहरों पर पुलिस की कार्रवाई का खौफ था वोह दूर से ही पुलिस को देख कर अपना रिक्शा घुमा कर भाग जाते थे।इसके अलावा एक चीज़ और जो देखने को मिली वोह उन रिक्शा चालकों की जो रिक्शा चला रहें लेकिन कम ई रिक्शा होने के कारण सवारियों से किराया ज़्यादा वसूल रहे हैं। आपको बता दें कि रविवार को पुराने लखनऊ में पुलिस के द्वारा चलाए गए डग्गामार वाहनों के खिलाफ महा अभियान में चौक और ठाकुरगंज पुलिस के द्वारा 200 डग्गामार वाहनों को सड़क से हटा कर थाने पहुंचा दिया गया था। रविवार को पुलिस के अभियान से सभी ई रिक्शा चालकों में पुलिस की कार्यवाही का खौफ साफ नजर आरहा है ।

पुलिस की नजरों से बच बचाकर सड़क पर चल रहे हैं ई रिक्शा चालकों में कार्यवाही का खौफ इतना ज्यादा था कि चौराहे पर खड़े पुलिस कर्मियों को देखकर तमाम ई रिक्शा चालक अपना रिक्शा मोटर उल्टी दिशा में भगाते हुए भी नजर आए । पुलिस की कार्यवाही का डर ई रिक्शा चालको पर छाया रहा। लेकिन ध्वनि और वायु प्रदूषण मुक्त वातावरण में ई रिक्शा पर निर्भर रहने वाले हजारों लोगों को ई रिक्शा संचालन न होने से प्रभावित होना पड़ा। लोगो को ये भी चिंता है कि अगर इस तरह से ई रिक्शा संचालन पर पाबंदी लगाई जाती है तो ई रिक्शा पर निर्भर रहने वाली सवारियों के लिए क्या विकल्प सामने आएगा।

ओवर ब्रिज के नीचे खड़ी नजर आईं कारें कुछ लोगों पर नहीं हुआ असर


पुलिस के द्वारा चलाए गए अतिक्रमण और डग्गामार वाहनों के खिलाफ महा अभियान के बाद भी आज नक्खास से लेकर चरक चौराहे तक ओवर ब्रिज के नीचे डिवाइडर के किनारे अवैध रूप से पार्क की गई कई लग्जरी कारों के मालिकों पर पुलिस की कार्यवाही का कोई असर नहीं दिखा। अभियान के दूसरे दिन चरक चौराहे से लेकर नक्खास तिराहे तक पुल के नीचे पूर्व की तरह आज भी कई लग्जरी कारें उसी तरह से खड़ी नज़र आई जिस तरह से पहले नज़र आती थीं। हालांकि रविवार को पुलिस के द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान तमाम कारों के चालान किए गए थे।

कुछ ई रिक्शा चालक मौके का फायदा उठाते नज़र आए

आज अधिकतर ई रिक्शा सड़क पर नजर नहीं आए लेकिन इस अभियान का फायदा कुछ रिक्शा चालक उठाने से भी नहीं चूके सड़क पर चल रहे इक्का-दुक्का ई रिक्शा चालकों ने चौराहों पर सवारी के इन्तिज़ार में खड़े लोगो की मजबूरी का फायदा उठाते हुए आज सवारियों से अधिक किराया भी वसूल किया ।सवारी के लिए ई रिक्शा पर निर्भर रहने वाले तमाम लोगों का कहना था की सरकार को डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने से पहले ये भी सोचना चाहिए ई-रिक्शा और टैम्पो पर निर्भर रहने वाले उन गरीब लोगों का क्या होगा जिनके पास अपनी सवारी नही है।

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