वारदात को अंजाम देने वाले तीन और लुटेरे गिरफ्तार
नकदी और जेवरात बरामद
एक को पुलिस पहले कर चुकी है गिरफ्तार
दो लुटेरों की अभी तलाश जारी
लखनऊ । मड़ियांव थाना क्षेत्र के श्याम विहार कॉलोनी में दोना पत्तल व्यापारी ऋषि गुप्ता के घर 3 दिन पूर्व दिनदहाड़े हुई लाखों रुपए की लूट की वारदात के बाद लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस हरकत में आई और वारदात में शामिल लखीमपुर खीरी के लुटेरे पंकज वर्मा को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार करने के बाद उसकी निशानदेही पर वारदात में शामिल उसके तीन अन्य साथी बघई लेन लालबाग हजरतगंज के रहने वाले रोहान अहमद काज़ी, न्यू हैदराबाद महानगर के रहने वाले विभोर कुमार जिंदल और लुटेरों के साथी एक नाबालिक अपराधी को मिल्लत नगर के पास खड़ी कार से उस समय गिरफ्तार किया जब ये लुटेरे लूट के जेवरात और नकदी के साथ कहीं भागने की फिराक में थे। मड़ियाव, जानकीपुरम और क्राइम ब्रांच की टीम के द्वारा गिरफ्तार किए गए रोहान विभोर और बाल अपचारी के पास से पुलिस ने ऋषि गुप्ता के घर से लूटे गए कुछ जेवरात और करीब 50 हज़ार रुपए की नकदी बरामद की है । पुलिस के अनुसार सोमवार को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किए गए पंकज वर्मा की निशानदेही पर आज एक बाल अपचारी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनसे पूछताछ में पता चला कि इन लोगों ने ही अपने दो अन्य साथी विवेक सोनी और आरज़ू खान के साथ मिलकर 12 मार्च की दोपहर दोना पत्तल व्यवसाई ऋषि गुप्ता के घर में नगर निगम के कर्मचारी बनकर घुस कर परिवार के लोगों को असलहो के दम पर बंधक बनाया था और उनके घर से नगदी और जेवरात लूटे थे। लखनऊ कमिश्नरेट के मड़ियाव थाना क्षेत्र में हुई लूट की इस सनसनीखेज वारदात के बाद पुलिस ने इस वारदात को चुनौती के रूप में लिया और घटना के खुलासे के लिए पुलिस की 5 टीमों को लगाया गया था । पुलिस की सभी टीमें घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों की तलाश कर रही थी और सोमवार को लुटेरे पंकज से पुलिस की मुठभेड़ हुई जिसमें वो पुलिस की गोली से घायल भी हुआ था । पुलिस के अनुसार मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया गया पंकज वर्मा शातिर अपराधी है और उसके खिलाफ लूट हत्या सहित 16 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं । पुलिस के अनुसार आज गिरफ्तार किए गए लोगों की गिरफ्तारी के बाद दोना पत्तल के कारोबारी ऋषि गुप्ता और उनकी पत्नी को बुलाकर जब लुटेरों की पहचान कराई गई तो उन्होंने बताया कि यही बाल अपचारी हाथ में चप्पल लेकर अपने दो साथियों के साथ उनके घर में परिवार को बंधक बनाकर लूट की वारदात को अंजाम देकर भागा था। हालांकि ऋषि गुप्ता के घर के अंदर नगर निगम के कर्मचारी बनकर तीन ही बदमाश दाखिल हुए थे लेकिन वारदात के खुलासे के बाद ये पता चला कि लूट की इस घटना में तीन नहीं बल्कि कुल 6 लोग शामिल थे। पंकज वर्मा सहित 4 बदमाशों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है जबकि गिरफ्तार किए गए बदमाशों के 2 साथी विवेक सोनी और आरज़ू खान की गिरफ्तारी अभी बाकी है । उत्तरी जोन के मड़ियांव थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े हुई लूट की इस वारदात के खुलासे में मड़ियाव पुलिस के साथ-साथ जानकीपुरम और क्राइम ब्रांच की टीम ने कड़ी मशक्कत की जिसका नतीजा यह हुआ कि पुलिस की मुस्तैदी पर सवालिया निशान लगाने वाली इस सनसनीखेज घटना का खुलासा महज़ 3 दिनों के अंदर ही हो गया । पुलिस ने लूट की इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा करके अपराध की मंशा रखने वाले अपराधियों की कमर तो तोड़ ही दी है।
यहां यह सवाल भी लोगों के मन में उठ रहा है कि इस्पेक्टर मड़ियांव रहे वीर सिंह को घटना के बाद क्यों नहीं हटाया गया और उन्हें वारदात के खुलासे के बाद क्यों हटाया गया जबकि वारदात के खुलासे में इंस्पेक्टर वीर सिंह की भी अहम भूमिका बताई जा रही है और उन्हें मड़ियांव थाने का चार्ज मिले 5 महीने भी नही बीते थे।