मुतवल्ली तनवीर हुसैन गुड्डू ने कहा वाकिफ की मंशा और कर्बला के लिए करेंगे काम
लखनऊ । ऐशबाग स्थित कर्बला मलका जहां में हजरत इमाम हुसैन के रोजे पर आज इमाम हुसैन की यौमे पैदाइश के मौके पर कर्बला के मुतवल्ली बनाए गए तनवीर हुसैन ने परचम कुशाई की। परचम कुशाई के उपरांत इमाम हुसैन के रोजे पर नजर का आयोजन किया गया जिसमें कर्बला मलका जहां कमेटी के अध्यक्ष मौलाना शबाहत हुसैन कर्बला के मुतवल्ली तनवीर हुसैन गुड्डू और कमेटी के सदस्य जाफर रजा, सरताज मिर्जा पप्पू ,कुमैल रजा मौजूद थे। नज़र के बाद मिठाई बांटकर एक दूसरे को हजरत इमाम हुसैन के जन्मदिन की बधाई दी गई। तनवीर हुसैन गुड्डू से इस मौके पर हुई खास बात चीत में उन्हों ने कहा की कोई जिम्मादारी ले लेना बड़ी बात नहीं होती बल्कि उस जिम्मादरी को निभाना बड़ी बात होती है उन्हों ने कहा की वो दुआ करते हैं कि वो अपनी जिम्मादारी निभाने में खरे उतरें ।
3 मार्च को कर्बला मलका जहां का चार्ज लेकर मुतवल्ली बने तनवीर हुसैन गुड्डू ने कहा कि वाकिफ की मंशा और कर्बला की बेहतरी के लिए वह दिन रात मेहनत करेंगे। तनवीर हुसैन गुड्डू ने बताया कि जैसा उनकी जानकारी में आया है कर्बला मलका जहां की कुल आराज़ी करीब 40 बीघा है लेकिन 25 बीघा जमीन पर किराएदार बसे हैं और 15 बीघा जमीन पर ही कब्रे और रौज़े तामीर हैं । उन्होंने बताया कि आधे से ज्यादा किराएदार वक्फ बोर्ड में किराया नहीं जमा करते हैं और जो जमा करते हैं उनका किराया भी ना के बराबर है जिससे कर्बला का खर्च उठाया जाना भी बहुत मुश्किल है । श्री तनवीर ने बताया कि जब उन्होंने कर्बला का चार्ज लिया था तो कर्बला के 4 गल्लों में से 1 लाख 62 हज़ार रुपए की नगदी मिली थी और कर्बला के ऑफिस इंचार्ज ने उन्हें 65 हज़ार 600 की नकदी का हिसाब दिया था कुल मिलाकर 2 लाख 28 हज़ार रुपए उन्हें चार्ज लेते समय मिले थे । श्री गुड्डू का कहना है कि कर्बला में एक समरसेबल लगा हुआ है जो नाकाफी है इसलिए दूसरा समरसेबल भी लगवाया जा रहा है श्री गुड्डू ने कहा कि कर्बला मलका जहां की जमीन पर लंबे समय से काबिज़ जो किराएदार किराया नहीं दे रहे हैं उनके खिलाफ वो कानूनी कार्रवाई करेंगे उन्होंने बताया कि कर्बला की बड़ी जमीनों पर काबिज़ कुछ बड़े किराएदार न तो कर्बला को किराया ही दे रहे हैं और न ही नोटिस लेने को तैयार हैं उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि कर्बला मलका जहां कि जमीन पर काबिज मकानों और दुकानों की नंबरिंग शुरू करा दी गई है और सभी किरायेदारों के मकानों और दुकानों पर नंबर के साथ साथ कर्बला मलका जहां अंकित किया जाएगा उनका कहना है कि 14 शाबान यानी शब ए बरात अब ज्यादा दूर नहीं है और 14 शाबान से पहले वो कर्बला की कब्रो को दुरुस्त कराने की मुहिम चला रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वैसे तो कर्बला मलका जहां में कुछ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड से पत्राचार कर कर्बला के सभी सात गेट पर सीसीटीवी लगाए जाने के लिए कोशिश कर रहे हैं । श्री गुड्डू ने बताया कि कर्बला मलका जहां में कब्र की कोई कीमत नहीं है कब्र का कोई पैसा नहीं लिया जाता है उन्होंने बताया कि कर्बला में आने वाली मय्यतो को दफन करने के लिए उनके घर वालों से कुल 8500 सौ रुपए जमा कराए जाते हैं जिसमें कब्र की खुदाई पटरो की कीमत गुस्ल का चार्ज और मय्यत लाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन का खर्च शामिल है श्री तनवीर का कहना है कि कर्बला मलका जहां का चार्ज उन्हें ऐसे हालात में मिला है जब कर्बला की आमदनी कम है और कर्बला का खर्च बहुत ज्यादा है इसके लिए वह पूरी कोशिश करेंगे कि कर्बला के खर्च को कर्बला की आमदनी से ही निकाला जाए ताकि कर्बला मैं किसी तरह की कोई समस्या बाकी न रह जाए। उन्होंने बताया कि कुछ लोगो ने कर्बला के पिछले गेट के पास शौचालय बना लिया है जो गलत है इस शौचालय को वो हटवाने के लिए कानूनी कार्यवाही करेगें।
कितनी है आमदनी और कितना है खर्च
कर्बला मलका जहां के कार्यालय के इंचार्ज कंबर अब्बास ने बताया कि कर्बला की आराज़ी में कुल 89 किराएदार हैं जिसमें से 35 किराएदार ही कर्बला को किराया देते हैं उन्होंने बताया कि 35 किराएदार कर्बला को करीब 18 हज़ार रुपए महीना किराया देते हैं कर्बला की देखरेख के लिए 7 कर्मचारियों को 31 हज़ार रुपए महीने का वेतन दिया जाता है । ऑफिस इंचार्ज कंबर अब्बास ने बताया कि एक कर्मचारी को हटा दिया गया है । उन्होंने बताया कि कर्बला में मय्यत दफन करने का खर्च 8500 रुपए आता है जिसमें से कब्र की खुदाई, पटरे ,गाड़ी का किराया, ग़ुस्ल का सामान,ग़ुस्ल का चार्ज, कफन, ग़ुस्ल खाने का मेंटेनेंस और रजिस्ट्रेशन की फीस ली जाती है उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर एक कब के 8500 रुपए लिए जाते हैं जिसमें से अट्ठारह सौ रुपए की बचत कर्बला को होती है जो कर्बला के अकाउंट में जमा कर दिए जाते हैं।कंबर हुसैन का कहना है कि कर्बला की जितनी आमदनी है खर्च उससे ज़्यादा है।