झारखंड के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में खुलेगा ई-कैफे

झारखंड के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में खुलेगा ई-कैफे

विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो रमेश शरण के द्वारा सरकार को दिए गए ई-कैफे का प्रस्ताव को मान लिया गया और चांसलर पोर्टल का उद्घाटन किया गया है। जिसमें शिक्षा मंत्री नीरा यादव, उच्च तकनीकि शिक्षा सचिव अजय सिंह समेत राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे। विवि व कॉलेजों में ई-कैफे खुलने से न सिर्फ उच्च शिक्षा में गुणात्मक लाभग होगा, बल्कि छात्रों को अब साईबर कैफे में भीड़ लगाने या चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

प्रत्येक ई-कैफे में 50 से 100 तक कंप्यूटर के साथ एक प्रशिक्षक होगा। इससे छात्रों को न सिर्फ कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान प्राप्त होगा, बल्कि स्वंयप्रभा से ऑनलाइन जानकारी हासिल कर ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। गरीब छात्रों को इससे कुछ ज्यादा ही फायदा मिलेगा। क्योंकि कॉलेजों में ही ई-कैफे की सुविधा होने से बाजार में पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे और ऑनलाइन जानकारी के साथ परीक्षा व नामांकन प्रपत्र भर सकेंगे।

विभावि के कुलपति प्रो शरण का प्रस्ताव सरकार को इतना पसंद आया कि सचिव ने कहा कि प्रयास होगा कि बीएसएनएल से वार्ता कर प्रत्येक ई-कैफे को इंटरनेट की सुविधा मुहैय्या कराया सके। बताते चलें कि विभावि कुलपति ने उक्त प्रस्ताव को रखते हुए छात्रों और उच्च शिक्षा के लिए रचनात्मक व क्रांतिकारी पहल बताया।

फेयरवेल का आयोजन

विभावि में शनिवार को कुलपति कक्ष में कुलपति प्रो रमेश शरण के द्वारा सेवाविृत कर्मियों को विदाई दी गई। सेवानिवृत कर्मियों में डॉ डीएस दास भट्टाचार्या- गणित रामगढ़ कॉलेज, डॉ एसआर सिंह- जुलौजी बीएससिटी, एसबी ढाल- वाणिज्य- पीकेआरएम, पाचु पासवान- स्टोरकीपर संत कोलंबा, एके पांडेय- सहायक जेजे कॉलेज, जयप्रकाश- पीऊन गिरिडीह, ए पुरी- सहायक संत कोलंबा, कपिलदेव ठाकुर- पीऊन आदर्श कॉलेज, जेएस झा- लैब व्बाय व वीएल महतो- लैब व्बाय सिंदरी कॉलेज, मुन्ना सिंह- पीऊन विभावि, बीएन सिंह- दरबान पीकेआरएम और गत माह सेवानिवृत हुए सीसीडीसी सेक्शन के अरविंद शर्मा शामिल हैं।

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