सरकारी नौकरी का झांसा देकर बेरोजगारों से करोड़ों रुपये ठगने वाले 2 जालसाजों को लखनऊ STF ने रविवार को गिरफ्तार किया।
लखनऊ । आयुष मंत्रालय सहित तमाम विभागों में सरकारी नौकरी का झांसा देकर बेरोजगारों से करोड़ों रुपये ठगने वाले 2 जालसाजों को STF ने रविवार को गिरफ्तार किया। गिरोह का सरगना विनय कुमार मिश्रा जनपद बस्ती का रहने वाला है। वो लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में किराए पर फ्लैट लेकर रहता था। उसका साथी विजय कुमार बिहार के गोपालगंज का निवासी है। वो ट्रांसपोर्ट नगर में रहता था।
STF के DSP विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि गाजीपुर निवासी अमर दीप सिंह से 2020-2021 में आयुष मंत्रालय में कोविड-19 की दवाएं सप्लाई करने, लाभार्थियों का डाटा तैयार करने का काम दिलाने के नाम पर 7 लाख 55 हजार रुपए की ठगी हुई थी। STF की साइबर सेल इसकी जांच कर रही थी। रविवार को पता चला कि इस ठगी गिरोह का मास्टर माइंड विनय मिश्रा साथी विजय के साथ लखनऊ में है। इस पर टीम ने संवेदना अस्पताल के पास सेक्टर-6, गोमतीनगर विस्तार से दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
रोजगार ढूंढते-ढूंढते बेरोजगारों को ठगने लगा
पूछताछ में सरगना विनय कुमार मिश्रा ने बताया कि 2012 में एहसास वेलफेयर फाउन्डेशन एनजीओ व आई केयर सर्विसेस कम्पनी बनायी। इन कम्पनियों में काम न होने की वजह से 2012 से 2015 तक ग्राउण्ड स्टाफ सुपर वाइजर की नौकरी इन्दिरा गाँधी एयरपोर्ट दिल्ली में किया। 2015 से 2017 तक पारजा बिल्डर व वसुन्धरा ग्रुप आफ कम्पनीज में प्रापर्टी बेचने का काम किया। 2017 से 2019 तक एआर फार्मा किदवईनगर कानपुर में कैमिस्ट की नौकरी की। 2020 में प्रगति पथ सर्विज कम्पनी व प्रगतिपथ सेवा संस्थान बनाया जिनमें में संजय सिह व सचेन्द्र कुमार शुक्ला पार्टनर थे।
विभाग और पद के हिसाब से तय करते थे रेट
विनय ने STF को बताया कि नगर निगम लखनऊ में संविदा पर भर्ती कराने के लिए 22,000 रुपये प्रति आवेदक के हिसाब से 18 आवेदकों से, मैट्रो लखनऊ में कस्टमर केयर में संविदा पर भर्ती कराने के लिए 40,000 के रेट से 14 लोगों से और टीजीटी अध्यापक के लिए 2,00,000 के रेट से 3 लोगों से रुपये लिए थे। इसके अलावा लखीमपुर खीरी निवासी अनिल तिवारी से टीईटी पास कराने के लिए 3 लाख रुपए लिया था।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार में संविदा पर नौकरी दिलाने के नाम पर लगभग 25 लोगों से, आर्डिनेन्स फैक्ट्री, आर्मी नर्सिंग स्टाफ व एयरपोर्ट में नौकरी लगवाने के लिए सैकड़ो लोगों से करोड़ों रुपए ठगे थे। इस काम में विजय कुमार दुबे, रमेश गिरी व कुछ अन्य सहयोगी बेरोजगार युवक, युवतियों को लेकर आते थे। विनय ने बताया कि खुद को फॉरेस्ट रेंजर बताकर लोगों को भरोसे में लेकर ठगता था।