आज चिपको आंदोलन की 45वीं वर्षगांठ है। इस दिन को गूगल ने डूडल बनाकर याद किया है। उत्तराखण्ड में चमोली में जंगलों को बचाने के लिए इस आंदोलन की शुरूआत आज ही के दिन 1970 में हुई थी। इस दिन राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा पेड़ों को कटने से बचाने के लिए लोग पेड़ों से चिपक गए थे, यही वजह थी कि इस आंदोलन का नाम चिपको आंदोलन पड़ा।
यह आंदोलन अहिंसा की नीति पर आधारित था। चिपको आंदोलन की प्रणेता भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा, चण्डीप्रसाद भट्ट और श्रीमती गौरादेवी थे। आज का गूगल डूडल चिपको मूवमेंट को याद करने के लिए बनाया गया है। इस आंदोलन के बाद से केंद्रीय राजनीति में पर्यावरण को एक मुद्दा बनाया गया।