टीम इंडिया इस साल जुलाई में इंग्लैंड के दौर पर जाएगी, जहां उसे पांच टेस्ट, तीन वनडे और इतने ही टी20 मैचों की श्रृंखला खेलनी है। कप्तान और बल्लेबाज के तौर पर विराट कोहली के लिए ये दौरा काफी अहम होगा। विराट कोहली साल 2014 में इंग्लैंड में खेली गई टेस्ट सीरीज में बुरी तरफ असफल रहे थे और पांच टेस्ट मैचों की 10 पारियों में सिर्फ 13.40 की मामूली औसत से मात्र 134 रन ही बना पाए थे। इस दौरान उनका उच्चतम स्कोर 39 रन था। विराट कोहली इस बार ये गलती दोहराना नहीं चाहते और इसलिए सीरीज से पहले काउंटी क्रिकेट में खेलने का फैसला किया है। विराट कोहली इस वह से अफगानिस्तान के साथ होने वाले एकमात्र टेस्ट मैच में टीम इंडिया के साथ नहीं होंगे।
खबरों की मानें तो विराट कोहली इंग्लैंड की परिस्थितियों में खुद का ढ़ालने के लिए जून में ‘सरे’ टीम की ओर से काउंटी क्रिकेट खेलेंगे। विराट से पहले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी 1992 में यॉर्कशायर की ओर से काउंटी क्रिकेट खेल चुके हैं। दरअसल, काउंटी को प्राथमिकता देने के पीछे विराट का मकसद अपनी बल्लेबाजी को पुख्ता करना है।चेतेश्वर पुजारा भी काउंटी क्रिकेट खलेंगे। यॉर्कशायर ने पहले ही इसकी पुष्टि कर दी है। लीड्स के खिलाफ होने वाले मुकाबले में वे 7 अप्रैल को मैदान पर उतरेंगे। पुजारा अफगानिस्तान के खिलाफ 14 जून से शुरू हो रहे टेस्ट से पहले स्वदेश लौट आएंगे। इसके बाद वह पुनः इंग्लैंड जाकर हैंपशायर के विरुद्ध होने वाले मैच में भी शिरकत करेंगे।