कृषि क़ानून किसानों के लिए “मौत की सज़ा” हैं  :  राहुल गाँधी

कृषि क़ानून किसानों के लिए “मौत की सज़ा” हैं : राहुल गाँधी

लखनऊ,संवाददाता | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज फ़िल्मी डायलॉग मारते हुए आरोप लगाया कि कृषि क़ानून किसानों के लिए “मौत की सज़ा” हैं, जिनकी आवाज़ संसद के अंदर और बाहर कुचल दी गई है |
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “कृषि क़ानून हमारे किसानों के लिए मौत की सज़ा हैं. उनकी आवाज़ संसद के अंदर और बाहर कुचल दी गई है | ये इस बात का प्रमाण है कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है |

राहुल गांधी ने अपने इस ट्वीट के साथ एक न्यूज़ रिपोर्ट साझा की है, जिसमें दावा किया गया है कि मत विभाजन की मांग करने वाले विपक्षी सदस्य राज्य सभा में किसान बिल पारित होने के वक़्त अपनी सीटों पर थे, जबकि सरकार का कहना है कि वो नहीं थे |

राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी मांग कर रही है कि कृषि क़ानूनों को वापस लिया जाए क्योंकि ये किसानों के हित में नहीं हैं और इन क़ानूनों की वजह से किसान निजी कारोबारियों और बड़े बिज़नेस घरानों के चक्कर में फंस जाएंगे |

हालांकि सरकार इस बात पर ज़ोर दे रही है कि नए क़ानून किसानों को बिचौलियों के चंगुल से आज़ाद करा देंगे और वो सही दाम पर अपनी फसल को कहीं भी बेच सकेंगे |

उधर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि कानून के विरोध में आज धरना प्रदर्शन किया हैं. यह धरना प्रदर्शन शहीद भगत सिंह नगर में खटकर कलां में गया | सोमवार को शहीद भगत सिंह की 113वीं जयंती पर अमरिंदर सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद धरना शुरू किया था |

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