ठेले पर चूड़ी बेच कर अपने परिवार का भरण पोशण करने वाली कैम्पवेल रोड निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला बानो ने लाक डाउन के 57वें दिन नख्खास मार्केट के बाहर अपना चूड़ी का ठेला लगाया था । बानो ने 21 मार्च के बाद आज चूड़ी बेचना शुरू की है। ठेले पर 10 रूपए दर्जन रंग बिंरगी चूड़ियंा बेच रही बुजुर्ग चूड़ी की दुकानदार बानो कहती है कि वो पिछले 27 वर्षो से नख्खास के करीब अकबरी गेट के पास चूड़ी ठेले पर बेच रही है इन 27 वर्षो मे ऐसा पहली बार हुआ जब लगातार दो महिनो तक उनका कारोबार बन्द रहा । बानो कहती है कि चूड़ी के इसी चूड़ी के ठेले से उनका पाॅच लोगो का परिवार चलता है लेकिन लाक डाउन ने उनके इस छोटे से कारोबार पर 2 महिने तक ताला लगाए रख्खा। 10 रूपए दर्जन चूड़ी बेच रही बानो ने बताया कि आज सुबह उन्होने 9 बजे ठेला लगाया था और तीन बजे तक उन्होने सिर्फ 20 दर्जन चूड़ियां ही बेची है एक दर्जन पर मुशकिल से दो रूपए बचते है । बानो कहती है कि ईद के अब तीन दिन ही बचे है और हर बार ईद के त्योहार से पहले चूड़िया बेच कर अच्छी कमाई कर लेतीं थी लेकिन इस बार कोरोना वायरस की मार से चूड़ी का काम भी ठप हो गया और ईद के रंग भी बद रंग हो गए । 65 साल की बुजुर्ग बानो ठेले पर चूड़ी खरीदने के लिए रूक रही महिलाओ को चूड़ियो की खूबियां बता रही थी ताकि उनकी चूड़िया बिके और चूडियों की बिक्री उनके घर मे खुशियंा लाए । सरकार ने जब से नियम के अनुसार दुकाने खोले जाने की बात कही है तब छोटे दुकानदारो मे उम्मीद जगी है कि भले ही उन्हे 2 महिनो का घंाटा पूरा करने मे वक़्त लगे लेकिन ये ज़रूर है कि दुकने खुलने से उन्हे अब और आगे परेशानी नही झेलनी पड़ेगी।
