सेनेटाईज़ टनल से गुज़र कर ही कोतवाली मे होता है प्रवेश

सेनेटाईज़ टनल से गुज़र कर ही कोतवाली मे होता है प्रवेश


कोरोना वायरस के खतरे के बीच अपनी जान को जोखिम मे डाल कर काम कर रहे पुलिस कर्मी भले ही अपने पास सेनेटाईज़र रखते है और चेहरे पर मास्क लगाते है लेकिन उत्तर प्रदेश की राजाधनी के किसी भी थाने मे अभी तक सेनेटाईज़ेशन की वो व्यवस्था नही हुई है जो राजधानी से सटे बाराबंकी ज़िले की शहर कोतवाली मे हुई है । बाराबंकी शहर कोतवाली मे एसपी बाराबंकी और डीएम बाराबंकी की पहल पर कोतवाली के मुख्य द्वारा पर इन्सानो को सेनेटाईज़ करने वाली दो मीटर लम्बी टनल बनाई गई है कोतवाली के अन्दर जाने वाले किसी भी व्यक्ति को इसी टनल के अन्दर से होकर गुज़रना पड़ता है इन्सानो को सेनेटाईज़ करने वाली ये टनल आटो मेटिक है दो मीटर लम्बी इस सेनेटाईज़ेशन टनल के अन्दर जैसे ही कोई व्यक्ति दाखिल होता है वैसे ही मशीन आटोमेटिक चालू हो जाती है और टनल से बाहर निकलने वाला व्यक्ति पूरी तरह से सेनेटाईज़ होकर ही कोतवाली के अन्दर पहुॅचता है। इन्स्पेक्टर पंकज सिंह ने बताया कि वैसे तो बाराबंकी कोरोना वायरस के मामले मे ग्रीन ज़ोन है लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर 30 हज़ार रूपए की लागत से कोतवाली मे सेेटाईज़ेशन करने वाली टनल को लगवाया गया है ताकि यहा डियूटी करने वाले पुलिस कर्मी भी सुरक्षित रहे और अगर बाहर से भी कोई व्यक्ति कोतवाली मे प्रवेश करे तो उससे भी किसी पुलिस कर्मी को खतरा न हो । इन्स्पेक्टर ने बताया कि वैसे तो ये टनल आटो मेटिक है लेकिन इसे यहंा पर आटोमेटिक तरीके से इस लिए नही इस्तेमाल किया जा रहा है क्यूकि टनल मे अक्सर बन्दर औ कुत्ते दाखिल होकर बैठ जाते है और जब तक कोई भी टनल के अन्दर मौजूद रहता है तब तक टनल का मोटर आटो कट नही होता है इस लिए टनल के पास मौजूद पुलिस कर्मी टनल के बटन को उस समय आन करता है जब कोई व्यक्ति टनल के अन्दर से होकर गुज़रता है। संवाददाता ने बाकायदा सेनेटाईज़ करने वाली इस टनल के अन्दर जाकर इस की गुणवत्ता को परखा तो पता चला की वास्तव मे सेनेटाईज़ करने का ये तरीका अपने आपमे नायाब है बाराबकंी की तर्ज पर यूपी के सभी थानो और कार्यालयो मे इस तरह की टनल को लगाया जना चाहिए ताकि कोरोना वायरस के खतरे को कम किय जा सके।

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