कोरोना काल मे ज़िम्मेदारो की मुस्तैदी पर उठे सवाल जाॅच कराने के लिए एक व्यक्ति रहा परेशान

कोरोना काल मे ज़िम्मेदारो की मुस्तैदी पर उठे सवाल जाॅच कराने के लिए एक व्यक्ति रहा परेशान


इन्स्पेक्टर प्रमोद मिश्रा बोले जाॅच कराना हमारी ज़िम्मेदारी नही
लखनऊ। परदेस से लौटे लोग अपनी कोरोना वायरस की जाॅच कराना चाहते है लेकिन कई जगह से ऐसी खबरे मिल रही है कि जाॅच के इच्छुक लोगो की मदद के लिए न तो स्थानीय पुलिस ही रूची ले रही है और न ही नगर निगम व स्वाथ्य विभाग की मुस्तैदी ही नज़र आ रही है ऐसे हालात मे जब जागरूक लोग खुद ही अपनी जाॅच करा कर अपने आपको और अपने आसपास के लोगो को सुरक्षित रखने के लिए गम्भीर है तब प्रशासन की उदासीनता न सिर्फ सवाल खड़े करती है बल्कि लोगो के विश्वास को भी ठेंस पहुॅचती है। पुलिस नगर निगम और स्वाथ्य विभाग की उदासीनता का एक ताज़ा मामला लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र का प्रकाश मे आया है। सिलाई का काम करने वाले 37 वर्षीय मोहम्मद उमर उर्फ गडडू तीन माह पूर्व काम करने के लिए मुम्बई गए थे मोहम्मद उमर की पत्नी और दो बच्चे ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के मल्लाही टोला मुसाहिब गंज मे रहते है। गुडडू के मुम्बई पहुॅचने के कुछ दिन बाद ही लाक डाउन शुरू हो गया और सभी काम बन्द हो गए गुडडू भी बेरोज़गार हो गए वो मुम्बई से लखनऊ आने के लिए परेशान थे लेकिन रेल बस सेवा बन्द होने की वजह से वो मुम्बई में ही फंस गए थे । तीन दिन पूर्व गुडडू मुम्बई से ट्रक मे सवार होकर लखनऊ पहुॅच गए हालाकि गुडडू की सेहत देखने मे तो ठीक थी लेकिन वो एहतियात के तौर पर कोरोना की जाॅच करना चाहते थे क्यूकि कोरोना वायरस के मामलो मे महाराष्ट्रा पहले स्थान पर है और गुडडू वही से वापस लौटे थे । जाॅच के लिए उनकी पत्नी ने तमाम लोगो से जाॅच कराए जाने की बात कही तो मोहल्ले मे रहने वाली एक महिला द्वारा कोरोना हेल्प लाईन पर काल करके गुडडू के सम्बन्ध मे बताया गया कोरोना हेल्प लाईन के टोल फ्री नम्बर पर जानकारी नोट कर ली गई महिला द्वारा हेल्प लाईन नम्बर 1075 पर भी जानकारी नोट कराई गई तो वहा से कहा गया कि लोकल पुलिस से भी आप सहायता लीजिए इस सम्बन्ध मे इन्स्पेक्टर ठाकुरगंज प्रमोद कुमार मिश्रा एसीपी चाौक दुगा प्रसाद तिवारी से भी गुडडू की जाॅच कराए जाने के लिए निवेदन किया गया लेकिन पुलिस यही कहती रही कि हमारी ज़िम्मेदारी जाॅच कराने की नही है बल्कि कानून व्यवस्था की है । स्थानीय पार्षद पति द्वारा भी गुडडू की जाॅच के लिए नगर निगम से सम्पर्क किया गया लेकिन मोहल्लावासी 24 घण्टो तक मशक्कत करते रहे और ज़िम्मेदार महकमे ज़िम्मेदारी की गेंद एक दूसरे के पाले में फेंकते रहे । ज़िम्मेदारो के इस गैर ज़िम्मेदारा रवैये को देख कर गुडडू के आसपास रहने वाले तमाम लोग डरे हुए नज़र आए स्थानीय लोगो का कहना था कि जब गुडडू खुद अपनी जाॅच कराने के लिए तैयार है तब भी प्रशासन का ये ढुलमुल रवैया क्षेत्र के लिए खतरनाक है क्यूकि अगर मुम्बई से लौटे गुडडू मे कोरोना का संक्रमण पाया गया तो गुडडू के साथ साथ उसके सम्पर्क मे आने वाले तमाम लोगो के अलावा पूरे मोहल्ले को इसके नतीजे बुरे भुगतने पड़ सकते है। इस सम्बन्ध मे डीसीपी पश्चिम सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी से भी गुडडू की जाॅच कराए जाने का निवेदन किया गया है उन्होने जाॅच मे सहायता करने का आश्वासन भी दिया है।

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