वैश्विक महामारी कोविड 19 कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लाक डाउन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियो को सरकारी सस्ते राशन की दुकानो से महीने मे दो बार अनाज मुहैया कराने का आदेश दिया था एक बार सस्ते दामो मे दूसरी बार मुफ्त मे । अप्रैल महीने मे करोड़ो लोगो को मुख्यमंत्री की मेहरबानी से कोटेदारो ने किसी तरह से राशन दे दिया लेकिन पिछले महीने भी कुछ कोटेदारो द्वारा गरीबो के राशन पर बुरी नज़र और घटतौली के कई मामले प्रकाश मे आए । मई के महीने में भी पहली तारीख से राशन का वितरण शुरू कराया गया लेकिन राशन की काला बाज़ार और घटतौली की अपनी बुरी आदत से मजबूर कुछ कोटेदार कुछ कार्ड धारको को राशन देने मे लगातार आना कानी कर रहे है । ऐसा ही एक मामला आज कशमीरी मोहल्ला के कोटेदार इरफान हुसैन की दुकान से सामने आया है । पिछले महीने ही राशन कार्ड का सुख पाने वाले सिप्पी की बगिया कशमीरी मोहल्ला की रहने वाली निशात फातिमा के पाॅच यूनिट के कार्ड पर कोटेदार इरफान ने पहली बार मुशकिल से उनने दो बार मे पूरा अनाज दिया था लेकिन इस बार कोटेदार उन्हे राशन देने के लिए कई चक्कर अपनी दुकान के कटवा चुका है। निशात फातिमा के पुत्र अज़हर अब्बास ने बताया कि राशन लेने के लिए कई बार दुकान के चक्कर काट चुके है लेकिन कोटेदार उन्हे टरका रहा है । उन्होने बताया कि कोटेदार ने उन्हे पहली बार पाॅच यूनिट के कार्ड पर सिर्फ 12 किलो गेहूं और 8 किलो चांवल दिए थे जब उन्होने कम राशन दिए जाने का विरोध किया तो कोटेदार ने कई दिन बाद उन्हे 3 किलो गेंहू और 2 किलो चावल और दिया। इस सम्बन्ध मे कोटेदार इरफान का कहना है कि राशन तौलने वाले की गलती से निशात फातिमा को पहली बार कम राशन दिया गया था लेकिन बाद मे गलती को सुधार करते हुए उन्हे पूरा राशन दे दिया गया । कोटेदार भले ही कर्मचारी की गलती बता कर इमानदारी का ढढोरा पीटे लेकिन ये भी सच है कि सरकारी अनाज को गरीबो को देने मे कोटेदार कार्ड धारको को कितना परेशान करते है ये बात भी जग ज़ाहिर है।
