कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूरे देश मे लागू किए गए सम्पूर्ण लाक डाउन के बाद 40 दिनो तक उत्तर प्रदेश की जो राजधानी सन्नाटे मे थी उस राजधानी लखनऊ की सड़को पर लाक डाउन का दूसरा चरण शुरू होते ही 41वें दिन से भीड़ बढ़ती देखी जा रही थी । राजधानी लखनऊ मे अनेक हाट स्पाट है और करीब 3 सौ मरीज़ो मे अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि भी हो चुकी है बाजूद इसके लखनऊ मे लाक डाउन का पालन किस तरह से हो रहा है ये लखनऊ की सड़के खुद बयान कर रही है। लाक डाउन के 53वें दिन शहर लखनऊ मे सड़को पर वाहनो की आवाजाही कुछ ज़्यादा ही नजर आई वाहनो के हार्न से शहर की सड़के गुलज़ार रही लेकिन मुख्य बाज़ार अभी भी पूरी तरह से बन्द है नख्खास चाौक की जो बाज़ार रमज़ान के महीने मे दिन रात गुलज़ार रहती थी उस बाज़ार मे सन्नटा पसरा हुआ है। 20 रमज़ान के बाद नख्खास की बाज़ार मे रौनक देखने लायक होती थी लेकिन इस बाज़ार की रौनक इस बार कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गई ।
रोज़ादार न तो इस बार नहारी कुल्चे का लुत्फ उठा पा रहे है न ही लस्सी की से अपना गला ही तर कर पा रहे है। न चूड़ियो की दुकाने सजी है न कपड़े चप्पले जूतो की दुकाने गुलज़ार है कोरोना वायरस ने भले ही सभी धर्मो के धर्म स्थलो पर ताले लगा दिए हो लोगो के कारोबार बन्द करा दिए हो बाज़ारो मे सन्नाटा फैला दिया हो लेकिन लाक डाउन के 41वें दिन से जब से सरकार ने शराब की दुकाने खोलने का आदेश दिया है तब से लखनऊ शहर की सड़के वाहनो की आवाजी से लगातार गुलज़ार हो रही है। वैसे तो लाक डाउन का उलंघन सम्पूर्ण शहर मे कमोबेश होता रहा है लेकिन पुराने शहर मे कुछ ज़्यादा ही लाक डाउन के उलंघन की खबरे मिलती रही है पुराने लखनऊ मे लाक डाउन के उलंघन का एक कारण यहां बसने वाले गरीबो की गरीबी भी बताई जा रही है जो अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए अपने अपने घरो से बाहर आकर सब्ज़ी और फल के ठेले लगा रहे है लेकिन यहां आपको ये बताना भी ज़रूरी है कि पुराने लखनऊ मे लाक डाउन के उलंघन की खबरो के बाद पुलिस ने कार्यवाही भी की है लेकिन बावजूद इसके कुछ नासमझ लोग लाक डाउन का उलंघन करने से बाज़ ही नही आ रहे है। पुराने लखनऊ मे लाक डाउन के उलंघन की सबसे ज़्यादा खबरे सआदतगंज, चाौक, ठाकुरगंज, वज़ीरगंज और बाज़ार खाला थाना क्षेत्र से मिलती रही है। इन्ही इलाको मे लाक डाउन के 53वें दिन भी सड़को के किनारे लगी दुकानो पर ग्राहको की भीड़ देखी गई। जबकि कोई भी देशवासी शायद ऐसा हो जिसे कोरोना वायरस का खतरा न मालूम हो लेकिन बावजूद इसके लोग लाक डाउन का उंलघन करने से बाज़ नही आ रहे है।