हर वर्ष ज्येष्ठ माह मे चार बड़े मंगल बहोत ज़्यादा महत्वपूर्ण माने जाते है बड़े मंगल के अवसर पर पूरे शहर मे सैकड़ो की संख्या मे भण्डारो का आयोजन किया जाता था जहां से प्रसाद के रूप मे लोंगो को स्वादिष्ट पूरी सब्ज़ी के अलावा तरह तरह के व्यंजन बाटे जाते थे । बड़े मंगल के अवसर पर अधिक्तर भण्डारे शहर मे हनुमान मंदिरो के आस-पास लगाए जाते थे । बड़े मंगल के अवसर पर हनुमान जी के मंदिरो मे विशेष पूजा भी होती थी लेकिन कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लाक डाउन की वजह से पूरे देश के धर्म स्थलो मे ताले पड़े हुए है । बड़े मंगल के अवसर पर लगने वाले भण्डारो मे भीड़ एकत्र होती थी इस लिए इस बार सरकार की तरफ से भण्डारे लगाने पर भी रोक लगा दी गई । मान्यता है कि करीब तीस सौ साल पहले लखनऊ के अलीगंज क्षेत्र मे अवध के नवाब शुजा उद दौला की पत्नी के द्वारा हनुमान मंदिर का निर्माण कराया गया था । अलीगंज मे शुजा उद दौला की पत्नी द्वारा निर्मित कराए गए हनुमान मंदिन पर त्रिशूल नही बल्कि चाॅद लगाया गया है जो हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि नवाब शुजा उद दौला की पत्नी के द्वारा मंदिर निर्माण के बाद मंदिर के बाहर सभी धर्मो के लोगो के लिए भण्डारे का आयोजन किया गया था तभी से ज्येष्ठ माह मे सभी बड़े मंगलो पर जगह जगह भण्डारे लगाए जाने की शुरूआत हुई थी । भगवान श्रीराम के सबसे करीबी माने जाने वाले भगवान हनुमान जी की याद मे लगाए जाने वाले भण्डारो पर सभी धर्मो के लोगो को प्रसाद बाटा जाता है लेकिन इस बार लाक डाउन के लाक ने बड़े मंगल के अवसर पर लगने वाले भण्डारो को भी लाक होना पड़ा ।
