लाक डाउन के 46 दिन पूरे मरीज़ो का आकड़ा पहुॅचा 59 हज़ार के पार 1981 की मौत

लाक डाउन के 46 दिन पूरे मरीज़ो का आकड़ा पहुॅचा 59 हज़ार के पार 1981 की मौत

लखनऊ मे लाक डाउन के दौरान लोगो को मिल रही है राहत


लखनऊ।  कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लाक डाउन के आज पूरे 46 दिन बीत गए लेकिन पूरे भारत मे लाक डाउन होने के बावजूद भी कोरोना वायरस के मामले कम होने की बजाए लगातार बढ़ रहे है ये बढ़ोत्ती भी सैक़ड़ो मे नही बल्कि हज़ारो मे है। 30 जनवरी को भारत मे कोरोना का पहला मरीज़ मिला था कि लेकिन 30 जनवरी के बाद मरीज़ो की संख्या मे लगातार इज़ाफा होता गया और आज भाारत मे मरीज़ो की संख्या 59 हज़ार 662 पहुॅच गई । कोरोना वायरस ने भारत मे अब तक 1981 लोगो की जान भी ली है और इस बीच डाॅक्टरो की मेहनत से करोनो वायरस से संक्रमित 17847 लोग पूरी तरह से ठीक भी हो चुके है। जानकारो का कहना है कि देश मे अगर लाक डाउन न होता तो मरीजो का आकड़ा बहोत ज़्यादा हो गया होता ।

लाक डाउन ने कोरोना को विस्तार लेने मे कुछ ब्रेक तो लगाया ही है हालाकि लाक डाउन से कोरोना की रफ्तार को भले ही कम किया गया हो लेकिन आम इन्सानो की ज़िन्दगी भी थम गई है । लाक डाउन के आज 46 दिन पूरे हो गए और अभी तीसरे चरण का लाक डाउन समाप्त होने मे 8 दिन और बाकी है अगर लाक डाउन को और आगे नही बढ़ाया गया तो देश की जनता को अभी आठ दिन और इसी तरह से अपने अपने घरो के अन्दर रह कर गुज़ारना पड़ेगें। लाक डाउन के 46 वें दिन संवाददाता ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की गली मोहल्ले और सड़को को जाएज़ा लिया । लखनऊ मे भले ही मुख्य बाज़ार और शापिग माल अभी बन्द हो लेकिन सड़क पर अब पहले से कही ज़्यादा चहल पहल दिख रही है । शहर को दूसरे ज़िलो की सीमाओ से जोड़ने वाले थाना क्षेत्र चिन्हट, गोसाईगंज, बन्थरा, काकोरी , ईटौंजा , निगोहा के रास्तो पर तो पुलिस पुरी तरह से मुस्तैद नज़र आई और शहर की सीमा से बाहर आने जाने वाले वाहनो से पूछताछ करती रही लेकिन शहर के अन्दर सड़क पर निकलने वाले लोगो से पुलिस आज कोई पूछताछ नही कर रही थी हालाकि शहर के अन्दर भी पुलिस बैरिकेटिंग के पास डियूटी पर तो लगी थी लेकिन घरो से निकलने वाले निकल रहे थे और पुलिस दिन के समय किसी से कोई पछताछ नही कर रही थी कि आप घर से क्यंू निकले है। शहर की सड़को पर मोटर साईकिल और कारे आज रोज़ के मुकाबले कुछ ज़्यादा ही नज़र आई। बात अगर पुराने लखनऊ और बस्तियो की करें तो यहा भी कुछ दुकाने तो खुली ही थी साथ ही इन दुकानो पर ग्राहको की भीड़ भी कुछ ज़्याछज्ञ नज़र आई लेकिन ये ज़रूर देखा गया कि घनी बस्तियो मे पुलिस गश्त जारी था और पुलिस दुकानो पर भीड़ लगा कर सामान खरीदने वालो को सोशल डिस्टेन्सिग बनाए रखने की हिदायते दे रही थी। लखनऊ के सभी हाट स्पाटो मे उसी तरह से निगरानी जारी रही जैसे पहले थी हाट स्पाट इलाको मे रहने वाले लोगो की निगरानी सीसीटीवी कैमरो के साथ ही वहंा ड्यिूटी पर मुस्तैद पुलिस कर्मी भी करते रहे । हाट स्पाट इलाको मे रहने वाले लोगो को आवश्यक वस्तुओ की आपूर्ति भी लगातार कराई जा रही है। पवित्र रमज़ान के महीने का आज 15वां रोज़ा था सामान्य दिनो मे रमज़ान के महीने मे पुराने लखनऊ की बाज़ारे गुलज़ार रहती थी सड़को पर भीड़ रहती थी लेकिन इस बार अभी तक न तो बाज़ार ही खुले है और न ही रोज़ादारो ने मस्जिदो मे नमाज़ ही अदा की है। अब ईद के महज़ 14 दिन बाकी है लेकिन जिस तरह से लाक डाउन मे लोगो के कारोबारो पर ताले लगे है उससे अन्दाज़ा यही लगाया जा रहा है कि इस बार ईद की खुशियों से मुस्लिम समाज महरूम ही रहेगा।

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