39 दिनो के लाक डाउन मे लखनऊ मे ही अगर आकलन किया जाए तो लाखो लोग ऐसे है जिनके पास खाने के लिए पैसे नही बचे और ऐसे निर्धन गरीब परिवारो के सामने दो वक्त की रोटी जुटा पाना मुशकिल हो गई है ऐसे गरीब परिवारो की मदद के लिए सरकारी और गैर सरकार संस्थाए खुल कर सामने आई है और लाक डाउन लागू होने के बाद से अब तक तमाम समाज सेवी संस्थाए निरन्तर लोगो की मदद मे आगे आगे दिख रही है । 39 दिनो के लाक डाउन मे सड़को पर घूमने वाले हज़ारो आवारा जानवर कुत्ते और गाय भी भुखमरी की कगार तक पहुॅच गए है लेकिन पुराने लखनऊ के कुछ पत्रकार ऐसे है जिन्होने जानवरो की भूख मिटाने का बीड़ा उठाया है। वरिष्ठ पत्रकार परवेज़ ज़ैदी रोज़ 25 पैकेट ब्रेड सिर्फ कुत्तो का पेट भरने के लिए खरीदते है जिस स्थान पर परवेज़ जैदी रोज़ कुत्तो को भोजन कराते है उस स्थान पर परवेज़ ज़ैदी के पहुॅचने से पहले ही भूखे कुत्ते पहुॅच कर परवेज़ जै़दी का इन्तिज़ार करते है। पत्रकार परवेज़ जैदी सिर्फ इसी ज़िम्मेदारी तक महदूद नही है वो जब भी समाचार संकलन के लिए निकलते है अपने साथ सेनेटाईज़र की शीशिया साथ रखते है ग्रामीणो को वो पहले खुद सेनेटाईज़ करते है फिर उन्हे ज़रूरत के मुताबिक मास्क और सेनेटाईज़र वितरीत भी करते है। परवेज़ जै़दी जिन पशुओ को रोज़ भोजन कराते है उन्हे वो पहले सेनेटाईज़ करते है फिर उन्हे भोजन देते है। इसी तरह से पत्रकार आमिर अब्बास भी लोगो को सेनेटाईज़ करने की ज़िम्मेदारी बखूबी निभा रहे है वो रोज़ ही तमाम लोगो को न सिर्फ सेनेटाईज़ करते है बल्कि लोगो को मास्क और सेनेटाईज़र का वितरण भी कर रहे है। इसी तरह से कुछ भूखे कुत्तो और आवारा गाय का पेट भरने की मुहिम पत्रकार रजत गुप्ता ने भी छेड़ रख्खी है रजत रोज़ कुछ गायो के लिए सब्ज़ियां खरीदते है और और डियूटी की तरह वो रोज़ समय से पहुॅच कर इन गायो का पेट भरते है रजत गुप्ता ने कुछ कुत्तो का पेट भरने की ज़िम्मेदारी भी ली है वो रोज़ कुत्तो के लिए ब्रेड बन्द बिस्कुट आदि खरीद कर पूरी ज़िम्मेदारी के साथ उनकी भूख मिटा रहे है इसी तरह से पशु सेवा की ज़िम्मेदार पत्रकार अमान अन्सारी पत्रकार गौतम , सिराज अहमद के अलावा कई अन्य पत्रकार भी उठा रहे है ये पत्रकार पूरी मुसतैदी के साथ अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाहन कर रहे है।
