लखनऊ मे ऐशबाग पुल पर एक दर्जन ऐसे गरीब मज़ूदर दिन रात गुज़ार रहे है जो लखनऊ में मेहनत मज़दूरी करने आए थे लेकिन लाक डाउन की वजह से अपने घरो को वापस नही जा पाए अब इन एक दर्जन मज़दूरो के पास न तो खाना खाने के लिए पैसे ही है और न सर छुपाने के लिए जगह है। पुल के उपर फुटपाथ पर चादर तान कर रह रहे मज़दूर अंकित, विकास, अंकुर ,मोनू और विद्या भूषण ने बताया कि लाक से पहले हम लोग यहा मज़दूरी करने के लिए आए थे लाक डाउन लागू हुआ तो हम लोग यहंी फंस गए मज़दूरो ने बताया कि पेट भरने के लिए हमे भोजन भी बहोत मुशकिल से मिलता है नगर निगम द्वारा भोजन आता है तो कभी दोपहर के भोजन के लिए रात नौ बजे तक इन्तिज़ार करना पड़ता है तो कभी खाने का इन्तिज़ार करते करते सुबह हो जाति है। बेबस गरीब मज़दूरो ने अपनी बेबसी बताते हुए कहा कि कई बार उन्हे इन्स्पेक्टर नाका और इन्स्पेक्टर बाज़ार खाला ने खाना खिलाया और खाने के लिए पैसे भी दिए मज़दूरो का कहना था कि सामुदायिक रसोई मे गरीबो के लिए बनने वाले खाने के लिए उनहे काफी इन्तिज़ार करना पड़ता है।