कोरोना के मरीज़ो मे लगातार हो रहा है इज़ाफा लेकिन लाक डाउन का देश को मिला लाभ

कोरोना के मरीज़ो मे लगातार हो रहा है इज़ाफा लेकिन लाक डाउन का देश को मिला लाभ

लखनऊ।  चीन के वुहान शहर से निकले नोवेल कोरोना वायरस ने पूरी दुनियां को अपनी चपेट मे लेने के बाद भारत को अपनी ज़द मे ले लिया भारत मे कोरोना वायरस के पैर पसारने के बाद पूरे देश मे सम्पूर्ण लाक डाउन लागू कर दिया गया ताकि देशवासियो मे सामाजिक दूरी बनी रहे और कोरोना वायरस विस्तार रूप न ले सके । 25 मार्च से पूरे देश मे सम्पूर्ण लाक डाउन लागू कर दिया गया और देशवासियों ने अपने अपने घरो मे रह कर कोरोना वायरस से जंग शुरू कर दी । पूरे देश के सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालयो को बन्द कर दिया गया प्राईवेट संस्थानो दुकानो बाज़ारो मे ताले लग गए ताकि लोगो मे सामाजिक दूरी बनी रहे । देश के 130 करोड़ लोगो ने आपस मे सामाजिक दूरी बना ली लेकिन इस बीच कोरोना वायरस के मामले देश मे लगातार बढ़ते गए । पूरे देश मे सम्पूर्ण लाक डाउन के बावजूद आज पूरे देश मे कोरोना वायरस के मरीज़ो की संख्या 31 हज़ार के पार हो गई है कोरोना वायरस की चपेट मे आकर पूरे देश मे अब तक 1007 लोग अपनी जान गवंा चुके है लेकिन इस बीच अच्छी खबर ये आई है कि कोरोना वायरस की पचेट मे आकर बीमार हुए 7696 लोग अब तक पूरी तरह से ठीक भी हो चुके है । कोरोना वायरस को मारने वाली दवा तो फिलहाल दुनिया का कोई भी देश अब तक तलाश नहीं कर पाया है लेकिन भारत मे प्लाज़मा थेरेपी अब कोरोना वायरस के मरीज़ो के लिए कारगर साबित हो रही है। भारत मे अब कोरोना वायरस को मारने के लिए कोरोना ही काम आ रहा है। कोरोना वायरस की चपेट मे आने के बाद जो लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके है अब सैकड़ो की संख्या मे वही लोग सामने आकर अपना प्लाज़मा दान कर उन लोगो की जान बचा रहे है जो लोग कोरोना वायरस से ग्रसित है । कोरोना से ठीक हुए मरीज़ो के शरीर से निकाला जाने वाला प्लाज़मा उन मरीज़ो को चढ़ाया जा रहा है जो गम्भीर रूप से बीमार है। भले ही शुरूआती दौर मे भारत मे कोरोना वायरस को लेकर भले ही कुछ मौका परस्त लोग साम्प्रदायिकता के ज़हर मे कोरोना को डूबा रहे थे लेकिन देश के करोड़ो समझदार लोगो ने संकट की इस घड़ी मे भी धैर्य नही खोया और आपसी एकता और भाई चारे की डोर को टूटने नही दिया लेकिन अब कोरोना वायरस की चपेट मे आकर ठीक हुए हिन्दू मुसलमान अपना प्लाज़मा दान कर बिना भेदभाव के उन लोगो की जान बचाने के लिए मसीहा के रूप मे सामने आ रहे है जो कोरोना वायरस की चपेट मे आने के बाद ज़िन्दगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे है। हालाकि कोरोना वायरस की चपेट मे आकर वो देश पूरी तरह से लड़खड़ा गए है जो दुनिया के सुपर पावर कहे जाते थे । कोरोना वायरस के फैलने के बाद ये कहा जा रहा था कि भारत आबादी के मामले मे विश्व मे दूसरे नम्बर का देश है और यहां अगर कोरोना वायरस फैल गया तो भारत के पास चिकीत्सा के मामले मे ऐसे पुख्ता इन्ति़ज़ाम नही है जो विश्व के दूसरे देशो के पास है ऐसे हालात मे कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा तबाही भारत मे ही होने की लोगो ने आंशका जताई थी लेकिन लोगो के क्यास फिलहाल गलत साबित हुए और कोरोना वायरस आने के बाद भारत ने सही समय पर लाक डाउन का सही कदम उठा कर इस वायरस को बड़े पैमाने पर फैलने से तो रोक ही लिया। हालाकि लाक डाउन का पाल कर रही देश की करोड़ो जनता खाने के दाने दाने के लिए परेशान हो गई है लेकिन फिर भी कोरोना वायरस के खतरे से देशवासियो को बचाने के लिए क्या अमीर क्या गरीब सब मिल जुल कर लाक डाउन का पालन कर कोरोना वायरस को हराने की जद्दो जेहद मे लगे हुए है।

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