कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लाक डाउन के आज 30 दिन पूरे हो गए लेकिन देश मे कोरोना वायरस के मरीज़ो की संख्या पर ब्रेक लगने की बजाए मरीज़ो की संख्या मे लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। घातक वायरस की रोकथाम के लिए एक मात्र उपाए सामाजिक दूरी के लिए 1 माह पूर्व लागू किए गए लाक डाउन के उलंघन की चिन्ता जनक खबरे लगभग रोज़ ही मिल रही है। वैसे लाक डाउन के उलंघन के लिए पुराना लखनऊ ज़्यादा बदनाम है लेकिन लाक डाउन के 30वें दिन पूरे शहर की सड़को पर कमोबेश ऐसा नज़ारा देखा गया जिसे सम्पूर्ण लाक डाउन नही कहा जा सकता है । लाक डाउन का पालन कराने के लिए हालाकि चैराहो पर पुलिस बैरिकेटंग के पास मुस्तैद रही लेकिन सड़क से गुज़रने वालो से पूछताछ कम ही हो रही थी । लाक डाउन के 30वें दिन शहर की सड़को पर सिर्फ वाहनो की आवाजाही ही रोज़ के मुकाबले अधिक नही रही बल्कि सड़क पर पैदल चलने वालो की सख्ंया भी रोज़ के मुकाबले कुछ ज़्यादा देखी गई हालाकि पूरे शहर मे आवश्यक वस्तुओ की दुकानो के अलावा सभी दुकाने पहले की तरह से ही बन्द थी लेकिन देखने मे ऐसा प्रतीत नही हो रहा था कि जिस तरह का लाक डाउन पहले था उस तरह का सम्पूर्ण लाक डाउन शहर मे लागू नही है। हालाकि उत्तर प्रदेश की राजधानी मे जिन मोहल्लो को हाट स्पाॅट घोषित किया गया है वहां सम्पूर्ण लाक डाउन का आभास आज भी हुआ। सील किए गए इलाको मे पूरी तह से सन्नाटा पसरा रहा सील किए गए इलाको मे रहने वाले हज़ारो लोगो की ज़रूरत का सामान उन तक पहुॅचाने का दावा प्रशासन लगातार करता रहा है लेकिन कुछ इलाको से खबरे मिल रही है कि सील किए गए मोहल्लो मे लोगों को ज़रूरत की चीज़ो के लिए परेशान होना पड़ रहा है। तीन दिन पहले हाट स्पाॅट घोषित किए गए बाज़ार खाला के करेहटा मोहल्ले के आस-पास के मोहल्लो मे रहने वाले लोगो ने एहतियात के तौर पर मोहल्ले की मुख्य गलियो मे खुद ही बल्लियां लगा कर रास्ते को अवरूध कर दिया है ताकि उनके मोहल्ले मे अकारण किसी की अनावश्यक आवाजाही न हो सके।
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- लाक डाउन के 30 दिन पूरे आज भी दिखी शहर मे चहल पहल