लाक डाउन का दूसरे चरण का पहला दिन पुराने लखनऊ मे देखी गई चहल पहल

लाक डाउन का दूसरे चरण का पहला दिन पुराने लखनऊ मे देखी गई चहल पहल

सोशल डिस्टेन्सिंग रही बरकार सड़क पर दिखे सब़्ज़ी और फल के अधिक ठेले

ई रिक्शा चालको और ज़रदोज़ी कारीगरो मे दिखी निराशा

लखनऊ।  कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लाक डाउन के दूसरे चरण के पहले दिन लखनऊ मे लाक डाउन का असर तो नज़र आया लेकिन पहले चरण के लाक डाउन के मुकाबले थोड़ा कम असर दिखा। दूसरे चरण के पहले दिन शहर की सड़को पर सब्ज़ी और फल के ठेले वालो की संख्या कुछ ज़्यादा नज़र आई इसके अलावा गली मोहल्लो व मुख्य सड़को पर लोगो को आते जाते देखा गया हालाकि सड़क से गुजर रहे लोगो की संख्या इतनी ज़्यादा नही थी जिससे सोशल डिस्टेन्सिंग का उलंघन हो लेकिन रोज़ के मुकाबले सड़को पर बुद्धवार के दिन का नज़ारा कुछ अलग था हालाकि शहर मे जगह जगह पुलिस कर्मी डियूटी पर मुस्तैद थे लेकिन रोज़ के मुकाबले चैराहो पर मुस्तैद पुलिस कर्मी सड़क से गुज़र रहे लोगो से घर से बाहर निकलने का कारण कम ही पूछ रहे थे। दूसरे चरण के लाक डाउन के पहले दिन पुराने शहर की गलियो मे भी कल के मुकाबले आज लोग अपने अपने घरो के बाहर कुछ ज़्यादा ही नज़र आए हालाकि पुराने लखनऊ के सभी थानो के इन्चार्ज पुलिस फोर्स के साथ अपने अपने क्षेत्रो मे गश्त पर रह कर लोगो को लाउड स्पीकर के ज़रिए जागरूक भी करते देखे गए ।

पुराने लखनऊ की तंग गलियो मे जहा पुलिस का चार पहिया वाहन नही पहुॅच सकता है उन तंग गलियो मे मोटर साईकिलो पर सवार पुलिस कर्मी लोगो से अपने अपने घरो मे रहने की हिदायते करते रहे। गरीब परिवारो से ताल्लुक रखने वाले तमाम लोगो का कहना था कि 21 दिन बड़ी मुशकिल से कटे है क्यूकि लाक डाउन की अवधि मे काम पूरी तरह से बन्द रहा इस लिए गरीबो के घरो की जमा पूंजी भी समाप्त हो गई अब हज़ारो परिवारो के सामने दो वक़्त की रोटी के लाले है। पुराने लखनऊ मे उन लोगो की संख्या बहोत अधिक है जो या तो ई रिक्शा चालाते है या फिर ज़रदोज़ी का काम करते है ई रिक्शो के चक्के जाम होने से हज़ारो ई रिक्शा चालको के परिवारो के सामने परिवार का भरण पोषण कर पाना अब मुशकिल हो गया है। यही हाल ज़रदोज़ी के काम से जुड़े हज़ारो लोगो का है ज़रदोज़ी कारीगर पहले ही बेरोज़गारी से जूझ रहे थे लाक डाउन लागू होने के बाद ज़रदोज़ी के काम से ज़ुड़े लोगो के परिवारो के सामने भुखमरी के हालात उत्पन्न हो गए है। पुराने लखनऊ के सआदतंगज थाना क्षेत्र अन्र्तगत ऐसे लोगो की संख्या बहोत अधिक है । ई रिक्शा संचालन और जरदोज़ी के काम से जुड़े हज़ारो लोगो के अलावा हज़ारो ऐसे लोग भी परेशान है जो रोज़ मेहनत मज़दूरी करके किसी तरह से अपने परिवार का भरण पोषण करते है ऐसे हज़ारो लोगो पर लगातार 40 दिनो का लाक डाउन भारी पड़ रहा है। हालाकि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लाक डाउन का पालन गरीब परिवारो से जुड़े लोग भी परेशानिया उठा कर कर रहे है ताकि कोरोना अपने पैर न पसार सके लेकिन ये लाक डाउन हज़ारो परिवारो के लिए बहोत भारी पड़ रहा है ऐसे गरीबो को सहारा अब सरकार से ही है ।

सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानो पर लगी ही भीड मिला सिर्फ चांवल़

लाक डाउन का दूसरा चरण शुरू होते ही सरकारी सस्ते राशन की दुकानो पर राशन कार्ड धारको की भीड़ लगना शुरू हो गई 15 अप्रैल से 26 अप्रैल तक राशन कार्ड धारको को सरकार की तरफ से प्रति यूनिट 5 किलो अनाज देने की मुहिम शुरू की गई है हालाकि पहले ये कहा जा रहा था कि एक यनिट पर तीन किलो गेंहू 2 किलो चावल और दाल दी जाएगी लेकिन आज जब दुकानो से राशन का वितरण शुरू हुआ तो पता चला की राशन कार्ड धारको को एक यूनिट पर 5 किलो चांवल ही दिया जा रहा है यहंा न किसी को गेंहू दिया गया और न ही दाल दी गई अब ऐसे हालात मे सिर्फ चावल के वितरण से लोगो मे हताशा है लोगो का कहना था कि क्या गरीब सिर्फ चांवल पानी मे उबाल कर खाएगा। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानो पर वैसे तो सोशल डिस्टेन्सिंग बनाए रखने के लिए एक एक मीटर की दूरी पर गोले बनाए गए थे लेकिन ज़्यादातर दुकानो पर सोशल डिस्टेन्सिंग का उलंघन होते साफ देखा गया।

कोरोना के सर्वे टीम से डर रहे है लोग

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लाक डाउन के बीच मोहल्लो मे सरकारी कर्मचारी पुलिस कर्मियों के साथ पहुॅच कर सर्वे कर रहे है कि मोहल्ले मे कही कोई व्यक्ति इस दौरान कही बाहर से तो नही आया है । सर्वे कर्मचारी लोगो को पीले रंग के पर्चे बाट कर कोरोना वायरस से कैसे बचे इसके लिए जागरूक भी कर रहे है लेकिन देखने मे ये आ रहा है कि जब पुराने लखनऊ मे सर्वे टीम पहुॅचती है तो लोगो मे भ्रम भी पैदा हो जात है । सर्वे टीम को देख कर तमाम लोग अपने अपने घरो मे बाहर से ताला भी बन्द कर देते है । हालाकि मोहल्लो मे पहुॅच रही सर्वे टीम न तो किसी को कोई दवा ही बाट रही है और न ही किसी से कोई दस्तावेज़ मांग रही है । सर्वे टीम सिर्फ लोगो से उनके स्वाथ्य के सम्बन्ध मे जानकारी लेने के अलावा मौखिक जानकारी नाम और मोबाईल नम्बर के साथ लिख रही है। पुराने लखनऊ मे सर्वे टीम के पहुॅचने पर ये अफवाह भी फैल रही है कि सर्वे टीम एनपीआर का डेटा तैयार कर रही है हालाकि एनपीआर का काम अभी सरकार ने शुरू ही नही किया है और न ही सर्वे टीम एनपीआर से सम्बन्धित कोई भी सवाल किसी से पूछ रही है।

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