लखनऊ। कोविड-10 महामारी के मरीजों की बढ़ती संख्या और लाॅकडाउन के कारण मुस्लिम समुदाय ने इस बार कब्रिस्तानों के बजाय अपने घरों में शब-ए-बारात का त्यौहार मनाया। कोतवाली बाजारखाला के अन्र्तगत कर्बला तालकटोरा कब्रिस्तान मीनाबेकरी, सुप्पा तथा अन्य कब्रिस्तानों में पुलिस की सख्ती के कारण चहल-पहल नहीं दिखायी दी। इस सन्दर्भ में डीसीपी बाजारखाला अनिल यादव ने बताया कि शब-ए-बारात के त्यौहार के मद्देनजर एकत्र होने वाली भीड़ को देखते हुये उन्होने क्षेत्र के सभ्रान्त लोगों मौलानाओं उलेमाओं के साथ बैठक कर त्यौहार को अपने घरों में ही मनाने को कहा। लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन करवाने के लिये पुलिस बल को निर्देशित किया। साथ ही जागरूकता के लिये पैम्पलेट भी बटवाये। घरों से बाहर न निकलने के लिये माइक पर एनाउन्समेंट किया। उन्होनें कहा कि इसके बाद भी यदि कोई बाहर निकलता है तो कानून के अनुसार उस पर मुकदमा दर्ज किया जायेगा। डीसीपी की सख्ती व निर्देश पर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद दिखायी दी। जगह-जगह बैरीकेटिंग के साथ कब्रिस्तानों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात दिखायी दिया। जिसके चलते लोगों ने अपने घरों में ही त्यौहार मनाया। मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी कारोना महामारी से बचाव के लिये लाॅकडाउन का पूरा पालन करने व पूरी एतिहात बरतने की अपील की। उन्होनें मुस्लिम समुदाय के लोगों से कहा कि अपने घर में फातिहा पढ़ कर अपने रिश्तेदारों को बक्श दे और दुआ करें कि देश और दुनियां को इस महामारी से निजात मिले। शब-ए-बारात को अपने ही घरों में मनाने को कहा। इस अपील का भी असर दिखा लोगों ने अपने रिष्तेदारों की कब्र पर जाने के बजाय अपने घरों में शब-ए-बारात का त्यौहार मनाया।
