मुसलमान सुरक्षित रहने के उपायों पर अमल करें
लखनऊ। शबे बरात इबादतों वाली रात है। इस पवित्र रात में हम अधिक से अधिक इबादतें, कुरान करीम की तिलावत करें, नमाजें पढ़ें, दुआ करें। अपने लिए, अपरे मरहूम रिश्तेदारों, पड़ोसियों और देश व कौम की खुशहाली, तामीर व तरक्की, अमन व सलामती और विशेषकर अन्तर्राष्ट्रीय वबा कोरोना वाइरस से अपने देश और पूरी दुनिया को सुरक्षित रखने के लिए खुदा पाक के हुजूर में दुआयें करें। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने शबे बरात के सिलसिले में तमाम मुसलमानों से यह बातें कहीं। उन्होने कहा कि 9 अप्रैल दिन जुमेरात शाबान की पन्द्रहवीं रात है जिस को शबे बरात कहा जाता है। इस रात में मुसलमान अपने मरहूम रिश्तेदारों के लिए मगफिरत की दुआ और ईसाले सवाब करने कब्रिस्तान जाते हैं लेकिन इस साल भयानक वबा कोरोना ने हम सब को अपने पंजे में जकड़ रखा है। इस से बचने और इसको ज्यादा फैलने से रोकने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्था और सरकार ने लाक डाउन कर रखा है। इस कारण कोई भी कब्रिस्तान न जाये। इसके स्थान पर अपने घरों में रहकर दुआयें और इबादतें करें। मौलाना ने कहा कि हदीस पाक में है कि सद्का बलाओं और मुसीबतों को टाल देता है। इस लिए मुसलमानों से अपील है कि आज कल अधिक से अधिक सद्का देने का एहतिमाम करें। सद्का नकद भी दिया जा सकता है और खाने पीने या अन्य चीजों के रूप में भी। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि 10 अप्रैल जुमे के दिन रोजा रखा जायेगा। इस में भी सेहरी और इफ्तार के समय में कोरोना के अन्त की खूब दुआयें की जायें। उन्होने कहा कि इस वबा के सिलसिले में इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया और अन्य संस्थानों ने डाक्टरों और सरकार के सुझाव के अनुसार जो सुरक्षित रहने के उपाय बतायें हैं उन पर पूरी तरह अमल करके मुसलमान एक अमन पस्नद और कानून का पालन करने वाली कौम होने का सुबूत दें।
