पटना । बिहार में अबतक कोरोना वायरस के 11 मरीज हैं और एक की मौत हो चुकी है. मरीजों का पटना एम्स में इलाज चल रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली समेत दूसरे राज्यों से बिहार आने वाले लोगों को उनके गांव तक पहुंचाने का इंतजाम करने का निर्देश दिया है. कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को रोकने का लिए बिहार सरकार ने चैती छठ के पर्व को सार्वजनिक जगहों पर मनाने पर रोक लगा दी है. कोरोना वायरस से बचाव के चलते ऐतिहातन सार्वजनिक घाटों पर चैती छठ पूजा का आयोजन 28 से 31मार्च तक निषेधित किया गया है. बिहार में अन्य राज्यों से लौटने पर रोहतास के सासाराम सिविल अस्पताल में प्रवासी मजदूरों की जांच की गयी. बता दें कि राज्य में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से बिहारी मजदूर आ रहे हैं. पटना की सीमा के रास्ते अपने-अपने घरों को पैदल जा रहे मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी. इसके लिए रेंज आइजी संजय सिंह ने सभी थाने के थानेदारों व सिटी एसपी को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि अगर पटना जिले के अंदर कोई भी पलायित मजदूर दिखे, तो तुरंत स्थानीय डॉक्टरों की मदद से उनको चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही खाने-पीने की व्यवस्था सुनिश्चित करें. देशव्यापी लॉकडाउन के पांचवें दिन बेवजह सड़क पर आने जाने वालों के प्रति ट्रैफिक पुलिस का रवैया और भी सख्त हो गया. रविवार को ऐसे 53 वाहन चालकों पर कुल 81 हजार का जुर्माना लगाया गया. इसमें 46 वाहन चालकों से 58 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया जबकि सात वाहन चालकों के द्वारा जुर्माना राशि का तत्काल भुगतान करने में असमर्थतता व्यक्त करने पर उन पर कुल 23 हजार रुपये का पेंडिंग चालान काटा गया. इस दौरान वाहन चालकों से उनका डीएल और वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी मांगा गया दिल्ली और उत्तर प्रदेश से करीब 15 हजार मजदूर बिहार पहुंचे हैं. सभी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भोजन कराने के बाद बिहार के अलग-अलग जिलों में भेजा जा रहा है. बिहारी मजदूरों के लिए गोपालगंज में कुल छह हाइस्कूलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाये गये हैं.
