कोरोना वायरस को हराने के लिए पहली बार मस्जिदो मे नही पढ़ी गई जुमे की विशेश नमाज

कोरोना वायरस को हराने के लिए पहली बार मस्जिदो मे नही पढ़ी गई जुमे की विशेश नमाज

सुनसान रही सड़के लोगो को मिलती रही आवश्यक वस्तुएं

लखनऊ। , नोवेल कोरोना वायरस की रोकथम के लिए 24 मार्च की रात 12 बजे से किए गए पूरे भारत मे लाक डाउन का आज तीसरा दिन भी बीत गया। लाक डाउन के तीसरे दिन भी लोग अपने घरो के अन्दर रह कर सामाजिक दूरी बना कर कोरोना वायरस से लड़ते रहे। शायद ये पहला शुक्रवार था जब लखनऊ की मस्जिदो मे शुक्रवार को होने वाली जुमे की विशेष नमाज़ स्थगित कर दी गई। मस्जिदो मे शुक्रवार को आम दिनो की अपेक्षा कई गुना ज़्यादा नमाज़ी आते है लेकिन आज शुक्रवार को शहर की लगभग सभी मस्जिदो मे ताले लगे रहे और नमाज़ियो ने जुमे की नमाज़ भी अपने अपने घरो मे ही अदा की । लाक डाउन के एलान के बाद गुरूवार को ही शिया सुन्नी धर्म गुरूओ ने ये एलान कर दिया था कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सामाजिक दूरी बनाने के मददे नज़र मस्जिदो मे लाक डाउन की अवधि तक कोई भी नमाज़ जमात के साथ नही पढ़ी जाएगी। मुस्लिम धर्म गुरूओ की अपील के बाद शुक्रवार को शहर की मस्जिदो मे जुमे की विशेष नमाज़ नही पढ़ी गई। कोरोना को हराने के लिए पूरे भारत को 21 दिनो तक लाक डाउन करने के बाद केन्द और राज्यो की सरकारो ने ऐसे लोगो के लिए बड़ी घोषणाए की है जिनके पास खाने के लिए धन अभाव है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने आज से कम्यूनिटी किचन की शुरू करा कर इस किचन मे भूखो केे लिए स्वादिष्ट खाना बनवा कर वितरीत कराना भी शुरू कर दिया है। लाक डाउन के तीसरे दिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सभी सड़के पूरी तरह से सुनसान रही लेकिन आवश्यक वस्तुओ जैसे दवा, राशन, सब्ज़ी , फल और दूध की दुकाने खुली रही लेकिन इन दुकानदारो को ये हिदायत दी गई थी कि सामान खरीदने आने वाले ग्राहको के बीच मे कम से कम एक मीटर का फासला बना रहे है। सोशल डिस्टेन्सिंग सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए दवा के दुकानदारो ने अपनी दुकानो के बाहर एक एक मीटर की दूरी पर गोले बना कर दवा खरीदने आने वाले ग्राहको को गोले मे लाईन लगवा कर ही दवाए दी। पुराने लखनऊ की मलिन बस्तियो से लाक डाउन के उलंघन की खबरे भी मिल रही है जहां बस्तियो के लोग भले ही सड़क पर न निकल रहे हो लेकिन गलियो मे लोग भीड़ लगा कर गप्पे मारते भी देखे गए हालाकि पुलिस पूरी तरह से सतर्क नज़र आ रही है बस्तियो मे लाक डाउन का उलंघन कर भीड़ लगने की सूचनाओ को पुलिस गम्भीरता से ले रही है भीड़ की सूचना पाकर पुलिस मुस्तैदी के साथ गली मोहल्लो मे लगने वाली भीड़ को हटा भी रही है लेकिन बावूजद इसके कुछ ना समझ लोग अपनी इन हरकतो से बाज नही आ रहे है। लाक डाउन का उलंघन करने वाले तमाम लोगो के खिलाफ पूरे प्रदेश मे पुलिस कार्यवाहियंा करते हुए मुकदमे भी दर्ज कर रही है लेकिन इस सबके बावजूद भी चन्द ऐसे लोग है जो अपनी लापरवाही की हरकतो से बाज़ नही आ रहे है।

मुश्किल मे फंसे पुल निर्माण मे लगे मज़दूर

पुराने लखनऊ मे मिल एरिया पुलिस चाौकी से चाौक तक सेतु निगम द्वारा बनाए जा रहे फलाई ओवर के निर्माण के काम मे लगे करीब 70 मज़दूरो के सामने बड़ी मुसीबते खड़ी हो गई है। 22 मार्च से पुल के निर्माण का कार्य पूरी तरह से बन्द है ऐसे मे अचानक हुए लाक डाउन के एलान के बाद करीब 70 मज़दूर अपने घर भी नही जा सके इन 70 मज़दूरो मे करीब 50 मज़दूर तो पंश्चिम बंगाल के है बाकी के मज़दूर प्रदेश के अलग अलग ज़िलो के रहने वाले है। 4 सौ रूपए रोज़ के ये दिहाड़ी मज़दूर अब पूरी तरह से बेरोजगर तो है ही साथ इनके परिवारो के सामने अब रोटी के लाले लग गए है। बुलाकी अडडा के पास अस्थाई कैम्प मे रह रहे मज़दूरो ने बताया कि उनका ठेकेदार उन्हे सुबह शाम का खाना तो मुहैया करा रहा है लेकिन उनकी रोज़ की दिहाड़ी उन्हे मिलना बन्द हो गई है। मज़दूरो का कहना है कि रेल और बस सेवा बन्द होने की वजह से उनका घर पहुॅचना भी नामुमकिन सा हो गया है मज़दूरो का कहना है कि हमे न तो यहां हमारे ठेकेदार ने सेनेटाईज़र ही दिया है और न ही मास्क उपलब्ध कराए है जिस कैम्प मे ये मज़दूर रात दिन रात गुज़ार रहे है उस कैम्प के आसपास गन्दगी की भी भरमार है। पुलिस ने जिन लेगो को खाना वितरीत किया उन लोगो के हाथो को सेनेटाईज़् करने के साथ साथ उन्हे मास्क भी दिया।

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