प्रदेश भर में उलंघन करने वाले सैकड़ो लोगो पर दर्ज हुए मुकदमे हज़ारो का हुआ चालान
लखनऊ। चीन से शुरू हुए नोवेल कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया मे छाया हुआ है इन्सानी जानो के लिए घातक कोरोना वायरस ने हमारे देश भारत मे भी पैर पसारे और पाॅच सौ से भी ज़्यादा लोग इस वायरस की चपेट मे आए पूरे देश मे अब तक कोरोना वायरस से हुई मौतो का आकड़ा आठ तक पहुॅच गया । विश्व की दूसर बड़ी आबादी वाले देश भारत मे कोरोना वायरस अपना विकराल रूप धारण न करे इस लिए सरकार ने इस वायरस से बचाव के लिए मज़बूत कदम उठाते हुए सामाजिक दूरी लोगो से बनोन के लिए अपील करते हुए 22 मार्च को पूरे देश मे प्रधानमंत्री ने जनता कफर््यू का एलान किया तो देश की जनता ने जनता कफर््यू को सौ फीसद कामयाब बना कर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक जुटता का संदेश दे दिया । क्यूकि इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए अभी तक कोई दवा नही बनी है इस लिए इससे बचाव का एक मात्र विकल्प सामाजिक दूरी ही बताया गया है। जनता कफर््यू की कामयाबी के बाद प्रधानमंत्री एक बार फिर देश की जनता से रूबरू हुए और उन्होने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पूरे देश को 21 दिनो के लिए लाॅक डाउन करने का एलान कर दिया। 24 मार्च की रात से पूरे देश की जनता ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री की अपील को सर आॅखो पर लेते हुए अपने आपको अपने घरो के अन्दर कैद कर लिया । बुद्धवार की सुबह से पूरे देश की सड़को पर सन्नाटा पसर गया और लोगो ने एक दूसरे से मिलना जुलना कुछ दिनो के लिए छोड़ दिया। बुद्धवार की सुबह से उत्तर प्रदश्ेा की राजधानी पूरी तरह से ठहर गई शहर के बाज़ार पूरी तरह से बन्द हो गए लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा आवश्यक वस्तुओ की बिक्री सुचारू रूप से जारी रखने की बात कही गई थी इस लिए आवश्यक वस्तुए जैसे दवा दूध सब्ज़ी राशन आदि की दुकाने खुली रही लेकिन पुलिस ने इन दुकानो पर भीड़ नही लगने दी । पूरे देश मे मे बुद्धवार की सुबह से सन्नाटा पसर गया । लाॅक डाउन के दौरान कानून व्यवस्था को पटरी पर रखने के लिए पूरे शहर मे पुलिस के जवान मुस्तैदी से डटे हुए देखे गए । शहर के हर चैराहे पर बैरिकेटिंग कर दी गई थी जहंा पुलिस कर्मी बैठे हुए थे जो सड़क से गुज़रने वाले लोगो से घर से बाहर निकलने का कारण पूछ रहे थे घर से बाहर निकलने का आक्समिक कारण न बता पाने वालो के खिलाफ पूरे उत्तर प्रदेश मे लाॅक डाउन का उलंघन करने के करीब 17 सौ से ज़्यादा लोगो के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए और साढ़े पाॅच हज़ार से ज़्यादा गाड़ियो के चालान भी काटे गए ये कार्यवाही उन लोगो के खिलाफ की गई जिन्होने सामाजिक दूरी के लिए किए गए लाॅक डाउन का उलंघन किया था।
काला बाज़ारियो ने भरी अपनी तिजोरियां
24 तारीख की रात आठ बजे जब टीवी चैनलो पर देश के प्रधानमंत्री राष्ट्र को सम्बोधित कर देश को लाक डाउन करने की जानकारी दे रहे थे तभी देश के हज़ारो काला बाज़िरियो ने देश की जनता को लूटने का मन बना लिया था। प्रधानमंत्री ने जब 21 दिनो के लाॅक डाउन का एलान किया तो लोग अपने घरो से बाज़ार की तरफ दौड़ पड़े । रात आठ बजे के बाद बाज़ार अचानक गुलज़ार हो गए दुकानो पर ग्राहको का सैलाब उमड़ पड़ा । 21 दिनो के लाॅक डाउन की खबर के बाद लोगो ने अपनी जमा पूॅजी से घर के रोज़ मर्रा का समान खरीदने का इरादा किया लाॅक डाउन से भले ही देश के करोड़ो लोगो को परेशानी हुई लेकिन लाॅक डाउन का सबसे ज़्यादा अगर किसी को फायदा हुआ तो वो उन काले दिलो के दुकानदारो को हुआ जिन्होने मौके का फायदा उठाते हुए ज़रूरत की चीज़ो के दाम दो गुने से भी ज़्यादा कर दिए। शहर की बाज़ारो मे आम दिनो मे 25 रूपए किलो मे बिकने वाले आॅटे के कीमत तमाम दुकानदारो ने बढ़ा कर 32 से 35 रूपए किलो कर दी। 100 रूपए किलो मे बिकने वाली दाल दो सौ रूपए किलो तक बेची गई इसी तरह से घी तेल चीनी के दाम भी दुकानदारो ने दो गुने से ज़्यादा वसूले। ये तो राशन के काला बाज़ारियो की हरकते थी इसी तरह से सब्ज़ी के दुकानदारो ने भी बहती गंगा मे हाथ धोते हुए सब्ज़ियो के दाम बढ़ा दिए 20 रूपए किलो बिकने वाला आलू लोगो ने सौ रूपए किलो तक खरीदा 60 रूपए किलो की भिन्डी 120 रूपए किलो तक बिकी 20 रूपए किलो वाली प्याज़ के दाम 50 से 60 रूपए किलो तक पहुॅचे 40 रूपए किलो बिकने वाली मटर सौ रूपए किलो तक काला बाज़ायिो ने बेची 30 रूपए किलो वाला टमाटर 70 रूपए किलो तक बेचा गया इसी तरह से हरी मिर्च धनिया नींबू अदरक लहसुन के दाम ज़रूरत मन्द ग्राहको को दोगगुने से ज़्यादा चुकता करने पड़े। इसी तरह से दवा की दुकानो पर लोग सेनीटाईज़र खरीदने मे भी ठगे गए एक तो आम दुकानो पर सेनीटाईज़र उपलब्ध ही नही था अगर किसी दुकान पर था भी तो उसकी कीमते आसमान छू रही थी इसी तरह से मास्क भी मंहगे दामो मे लोगो को खरीदने पड़े जबकि सरकार ने पहले ही आवश्यक वस्तुओ की बिक्री महंगे दामो मे करने वालो के खिलाफ गम्भीर धाराओ मे मुकदमा दर्ज किए जाने की बात कही थी लेकिन लोगो की मजबूरियो का फायदा उठा कर अपनी तिजोरियो भरने वाले कुछ दुकानदारो पर सरकार की सख्ती का कोई असर ही नज़र नही आया।