लखनऊ। पुलिस कमिश्नर लखनऊ द्वारा डायल 112 में अभिव्यक्ति ऑडिटोरियम में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। “स्वाभिमान” महिला सुरक्षा कानूनी एवं सामाजिक पहलू कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर एडीजी पुलिस भर्ती एवम प्रोन्नति बोर्ड यूपी रेणुका मिश्रा मौजूद रहीं। साथ ही कार्यक्रम में एडीजी 112 असीम अरुण,लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय,ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर नवीन अरोड़ा के साथ स्कूली छात्राएं भी उपस्थित हैं। वहीं कार्यक्रम में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर पुलिस के आलाधिकारी अपनी बात रखेंगे। इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर लखनऊ सुजीत पांडेय ने कहा कि आज जरूरत है कि हम साथ बढ़े और हमें आपको लगे कि पुलिस हमारे साथ है। आगे कहा कि हम कुछ प्रोग्राम शुरू कर रहे हैं और लांग टर्म में कुछ विशेष करने की कोशिश है। इस कार्यक्रम में कुटुंब अभियान भी है, जिसमें हम घर की हिंसा में पति पत्नी के बीच विवाद को काउंसिलिंग के माध्यम से सहमति बनाने की कोशिश करते हैं। हम इन केसों को फॉलो करते हैं। पिछले डेढ़ महीने में लगभग 100 से ज्यादा केसों को टेकअप किया है। इसी कड़ी में आगे कहा कि हमने साथी अभियान की शुरुआत की है। जिसमें छेड़खानी व महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में एक महिला पुलिस ऑफिसर को लगाया जाएगा। ये लांग पीरियड के लिए मौजूद हैं, आने वाले समय मे हम इसपर बहुत फोकस करेंगे। वहीं एक हफ्ते बाद से यहां महिला हेल्प डेस्क पर महिला पुलिस और 2 लेडी ऑफिसर मौजूद रहेंगी। जब महिलाएं किसी घटना का शिकार होती हैं, चार्जशीट के बाद भी हम केसेस को देख सकें। हम फास्ट ट्रैक कोर्ट में केसों को ले जाएंगे। 31 मार्च तक लगभग सभी पोक्सो केसों को खत्म कर ले जाएंगे हमें पूरी उम्मीद है। सारथी अभियान भी जल्द ही लांच होगा। सारथी स्वाभिमान साथी अभियान इन तीनों पर हम काम करेंगे। जब नमस्ते लखनऊ के लिए सुबह शाम गाड़ियां निकलती हैं, तो हम कोशिश करेंगे आप खुद कहें कि अब हमें डर नहीं लग रहा। स्कूटियों पर महिला पुलिस बहुत जल्द दिखेंगी, पिंक बूथ्स बनाए जाएंगे। आप सब इंस्पेक्टर और महिला पुलिस कर्मियों को अपनी बात बता सकेंगी। इसी क्रम में एडीजी असीम अरुण का बयान देते हुए कहा कि डायल 112 से 4500 पीआरवी संचालित होती है। महिलाओं के लिए 1090 पावर लाइन भी है, जहां महिलाओं सम्बन्धी शिकायतों को दर्ज किया जाता है। पहले 1090 फील्ड रिस्पॉन्स नहीं कर पाता था, अब 112 और 1090 एक सिस्टम के रूप में काम करेंगे। 1090 पर कॉल आने पर आपात परिस्थितियों में 112 अपनी गाड़ियों को भेजेगा, इनका लेखा जोखा भी रखा जाएगा। पीड़ितों को थाने न जाना पड़े इसके लिए न्चबवच ंचच बनाई गई है और साथ ही विकल्प पोर्टल भी बनाया गया है। डायल 112 में जो शिकायतें आती हैं, उसमें घरेलू हिंसा का हेड्स बनाया है। महिलाओं की पिछले साल 3 लाख शिकायतें आईं, जिनमें वरिष्ठ नागरिकों में 2 लाख 90 हजार शिकायतें आईं और 31 हजार बच्चों ने भी शिकायतें की। लखनऊ में डायल 112 के पास रोजाना महिला संबंधी 100 से 105 शिकायतें आती हैं। आगे उन्होंने कहा कि 10 दिसम्बर को हैदराबाद में एक महिला के खिलाफ दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी। हमने देखा ये हमारे यहां भी हो सकता है, तो रात 10 से सुबह 6 बजे तक महिलाओं को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए 300 पीआरवी पर 2-2 महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
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