जनसुनवाई आमने-सामने का पुलिस लाईन मे किया आयोजन

जनसुनवाई आमने-सामने का पुलिस लाईन मे किया आयोजन

पुलिस कमिश्नर ने शुरू की अनोखी पहल


वादकारियो ने जताई सतुष्टि कहा पहल अच्छी है दो दरोगा लाईन हाज़िर
लखनऊ।  वर्षों से लंबित विवेचनाओं को सही ढंग से और समय से निस्तारित कराने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने सराहनीय पहल करते हुए जन सुनवाई आमने-सामने कार्यक्रम की शुरूआत की है। शनिवार को इस पहल के पहले दिन पुलिस लाइन में 48 वादियों और विवेचकों को आमने-सामने बैठा कर मामले का जल्द निस्तारण कराने का प्रयास किया गया। इस दौरान पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय खुद जनसुनवाई आमने-सामने कार्यक्रम में मौजूद रहे। उनके साथ राजधानी पुलिस के तमाम अन्य वरिष्ठ अफसर भी मौजूद थे । इस पहल के माध्यम से ऐसे मामलों के जल्द निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है, जिनकी जांच किसी वजह से काफी समय से पूरी नहीं हो पा रही है। विवेचनाएं लंबे समय से लंबित हैं ऐसे हालत मे तमाम वादकारियों का आरोप होता है कि विवेचक ने उनके बयान बदल दिए कई बार वादकारी ये आरोप भी लगाते हैं कि विवेचक ने केस को हल्का करने या आरोपियों को बचाने के लिए विवेचना सही ढंग से नहीं की। ऐसे मामलों मे पीड़ितो द्वारा उच्चाधिकारियों के पास जाने का विकल्प रहता है लेकिन उच्चाधिकारियो के कार्यालयो के चक्कर लगाते लगाते वादकारियो के पसीने छूट जाते थे लेकिन पुलिस कमिश्नर की पहल से अब विवेचक ऐसा नहीं कर सकेंगे। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय का कहना है कि आज उन लोगों को बुलाया गया है जिनकी शिकायतो का निस्तारण न हो पाने की वजह से वो बार-बार आईजीआरएस पोर्टल पर अपनी समस्या लिख रहे थे इसमें ऐसे मामले भी शामिल हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट काफी लम्बे समय से लंबित है। कमिश्नर का कहना है कि जन सुनवाई आमने सामने कार्यक्रम मे 48 लोग आए थे ऐसे मामलो मे उनके विवेचकों को भी बुलाया गया था वादकारियो और विवेचको को आमने-सामने बैठा कर उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में केस की जानकारी ली गयी उन्होने कहा कि जांच में लापरवाही बरतने वाले विवेचकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। जाॅचो मे पारदर्षिाता लाने के उददेष से शुरू की गई इस पहल से जांच सही दिशा में और जल्द हो पाएगी साथ ही विवेचक और वादकारियों के बीच किसी तरह के झूठ या अविश्वास की भी गुंजाइश भी नहीं बचेगी और आरोपियों को भी अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा। कमिश्नर ने बताया कि जनसुनवाई आमने-सामने का आयोजन हर सप्ताह राजधानी के सभी डीसीपी आफिस में कार्यक्रम होगा आयोजित होगे जहां विवेचकों और वादकारियों के साथ वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। शुरूआत में हर डीसीपी आफिस में 5-5 मामलों को लिया जाएगा जिन्हें बाद में बढ़ाकर 10 किया जाएगा। कमश्निर सुजीत पांडेय ने बताया कि हमारा प्रयास होगा कि अगले तीन महीने में 300 से 400 पुराने प्रकरणों का निस्तारण हो सके, जिनमें पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है । लखनऊ पुलिस कमिश्नर की इस नई पहल से पीड़ितों में भी नई उम्मीद जगी है। जनसुनवाई आमने-सामने में पहले दिन पहुंचे वादकारियों ने पुलिस कमिश्नर की इस पहल का स्वागत किया और खुशी जाहिर की। पीड़ितों ने कहा कि इस पहल से लोगों का पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ेगा साथ लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिलने का भी रास्ता साफ होगा। पीड़ित अपनी समस्याएं उच्च अधिकारियों के सामने रखेंगे इससे पुलिस पर मामले की जांच सही तरह से करने का दबाव बनेगा। आज पुलिस कमिशनर द्वारा शुरू की गई पहल अगर लगातार इसी तरह से चलती रही तो निसंदेह विवेचको और वादकारियो के बीच अक्सर होने वाले आरोप प्रत्यारोपो से भी निजात मिल जाएगी। पुलिस कमिशनर सुजीत पाडेण्य ने जनसुनवाई आमने सामने कार्यक्रम के पहले ही दिन विवेचना मे लापरवाही बरतने के आरोप मे दो विवेचको पर कार्यवाही का डंडा चलाते हुए उन्हे लाईन का रास्ता दिखा दिया। पुलिस कमिशनर ने हसनगंज की मदेयगंज चाौकी इन्चार्ज और मड़ियाव की केशव नगर चाौकी इन्चार्ज को लाईन हाज़िर को दूसरे विवेचको को ये संन्देश भी दिया कि विवेचनओ मे लापरवाही या मनमानी वो कतई बर्दाश्त नही करेगे।

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