लखनऊ। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन तथा पूर्व प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा पर लगाये गए आरोपों के संबंध में पूर्व मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय द्वारा दिए गए क्लीनचिट पर जवाब माँगा है। न्यायिक सदस्य जास्मिन अहमद की बेंच ने राज्य सरकार तथा मुख्य सचिव को 04 सप्ताह में जवाब देने का आदेश देते हुए सुनवाई हेतु 20 अप्रैल 2020 नियत किया है। अमिताभ ने इन अफसरों पर राजनैतिक दवाब में उनके निलंबन संबंधी मामले में अनेक फर्जी अभिलेख तैयार कराये जाने तथा विधिविरुद्ध तरीके से दो बार उनका निलंबन बढ़ा कर 06 माह अवैध निलंबित रखे जाने के आरोप लगाया था। मुख्य सचिव की जाँच आख्या दिनांक 24 मई 2019 में कहा गया था कि अमिताभ के विरुद्ध अत्यंत गंभीर आरोप होने के कारण उनका निलंबन दो बार बढ़ाया गया तथा नियमों के अनुसार ही कार्यवाही की गयी तथा किसी स्तर पर कदाशयतापूर्वक अधिकारों का गलत प्रयोग नहीं किया गया। अमिताभ ने इस जाँच आख्या को एकपक्षीय होने तथा उनकी बातों को पूरी तरह अनसुना करते हुए मात्र गृह विभाग की रिपोर्ट पर आधारित होने की बात कहते हुए चुनौती दी है।