लखनऊ। देश भर में आज महाशिवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया गयी। सभी मंदिरों में बाबा भोले के दर्शन के लिए भोर से ही भक्त लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इन्तजार कर रहे हैं। इसी तरह आज राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है। शहर में आज चारो तरफ बस बम बम भोले की गूंज है। मंदिर में बाबा भंडारी के जलाभिषेक के लिए भक्त सुबह से लाइन में खड़े हैं। महिला व पुरुष अलग-अलग कतारों में खड़े होकर जलाभिषेक व दुग्धभिषेक करने का इन्तजार कर रहे हैं। इतना ही नहीं भक्त लगातार बाबा भोले के जयकारे भी कर रहे हैं। भक्त लम्बी कतारों में खड़े होकर भगवान के दर्शन पाने को व्याकुल रहे। बच्चे, बूढ़े, जवान सभी लोग भोर से लाइन में खड़े हैं। वहीं जब महाशिवरात्रि किस तरह फलदायी हो जब इस बारे में मनकामेश्वर की महंत दिव्या गिरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वैसे तो बाबा भोले को गंगा जल चढ़ाना चाहिए, लेकिन लखनऊवासी गोमती का स्वच्छ जल भी भगवान शिव को चढ़ा सकते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि आप दुग्ध,दही व शहद को एक साथ मिलाकर पंचामित्र बनाकर भी भोले भंडारी को चढ़ा सकते हैं। पौराणिक मान्घ्यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही बाबा भोले लिंग के रूप में पहली बार प्रकट हुए थे। इस शिवलिंग के बारे में जानने के लिए सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने हंस का रूप धारण किया और उसके ऊपरी भाग तक जाने की कोशिश करने लगे, लेकिन वह असफल हो गए। जिसके बाद सृष्टि के पालनहार विष्घ्णु ने भी वराह रूप धारण कर उस शिवलिंग का आधार ढूंढना शुरू किया लेकिन वो भी असफल रहे। इसलिए इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।
