गोमती नगर मे बीटेक छात्र को कार से खींच कर चाकुओ से गोद कर निर्मम हत्या

गोमती नगर मे बीटेक छात्र को कार से खींच कर चाकुओ से गोद कर निर्मम हत्या

पुलिस का दावा कल रेस्टोरेन्ट मे खाना खाने को लेकर कुछ लोगो से हुआ था विवाद
लखनऊ।  दोपहर करीब डेढ़ बजे पुलिस से बेखौफ बदमाशो द्वारा पुराने लखनऊ के चैक थाना क्षेत्र मे हत्या और लूट की घटना को अन्जाम दिया गया और इस घटना के दो घंटे के बाद गोमती नगर थाना क्षेत्र मे इनोवा कार से अपनी बहन के घर अलखनन्दा अपार्टमेन्ट जा रहे 25 वर्षीय बी-टेक के छात्र को कुछ बदमाशो ने इनोवा कार से खंीच कर बाहर निकाला और चाकुओ से गोद कर निर्मम हत्या कर दी। लबे सड़क हुई इस सनसनी खेज़ घटना के बाद गोमती नगर पुलिस मौके पर पहुॅची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस अभी छात्र की हत्या करने वालो तक नही पहुॅच सकी है बताया जा रहा है कि मृतक से कल बाराबंकी के सफेदाबाद मे एक होटल मे कुछ लोगो से खाना खाने के समय विवाद मारपीट हुई थी।
जानकारी के अनुसार मूल रूप से गंगापुर वाराणसी के रहने वाले प्रदीप सिंह अपने परिवार के साथ विजय खण्ड गोमती नगर मे रहते है उनकी बेटी गोमती नगर मे ही अलखनन्दा अपार्टमेन्ट मे रहती है। प्रदीप सिंह का 25 वर्षीय पुत्र प्रशान्त सिंह बीटेक की पढ़ाई कर रहा था । प्रशान्त गुरूवार को अपनी इनोवा कार से अलखनन्दा अपार्टमेन्ट मे रहने वाली अपनी बहन के घर जा रहा था तभी उसे कुछ लोगो द्वारा रोका गया इससे पहले कि प्रशान्त कुछ समझ पाता गाड़ी रूकवाने वाले लोगो ने प्रशान्त को गाड़ी के अन्दर चाकुओ से मारा और बाद मे उसे कार से घसीट कर बाहर निकाला और फिर ताबड़तोड़ चाकुओ से कई हमले कर उसकी निर्मम हत्या कर दी और आराम से फरार हो गए। पुलिस कमिश्नर के पीआरओ ने बताया कि मृतक छात्र प्रशानत सिंह से कल बाराबंकी के सफेदाबाग मे कालिका हट रेस्टोरेन्ट मे खाना खाने के दौरान कुछ युवको से कहा सुनी के बाद मारपीट हुई थी लेकिन मामला समाप्त हो गया था उन्होने बताया कि प्रशान्त के परिजनो ने अभी किसी को नामज़द नही किया है लेकिन उसकी हत्या के पीछे कालिका हट मे हुई मारपीट को ही वजह माना जा रहा है। दो घंटे के अन्तराल मे शहर मे हुई हत्या की दो घटनाओ ने शहर की पुलिस की मुसतैदी पर सवालिया निशान लगा दिए है ये दोनो हत्याए दिन दिहाड़े लबे सड़क हुई है। लखनऊ शहर मे अपराध की घटनाओ पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने काफी सोंच विचार के बाद पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की थी ताकि पुलिस के अधिकारो मे बढ़ोत्तरी हो और पुलिस आज़ाद होकर अपराधियो पर शिकंजा कस कर अपराध की घटनाओ पर अंकुश लगा सके लेकिन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बावजूद हालात उसी तरह के है जैसे पूर्व मे थे।

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