लखनऊ। पूर्व विधान परिषद सदस्य अशोक दुबे ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में एक दबंग ठेकेदार द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए मांग की है कि उक्त ठेकेदार को काली सूची में डाला जाए। उन्होंने यह कहा है कि पूर्व सरकार घुसपैठ रखने वाले उक्त ठेकेदार ने डेकिन कम्पनी के नाम पर चार से पाॅच गुना मुनाफा कमाया है। उन्होंने मेसर्स कृष्णा इन्टरप्राइजेज द्वारा कराये गए कार्यो की जाॅच कराये जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री को सम्बोधित पत्र में पूर्व विधायक भाजपा विधान परिषद अशोक दुबे ने कहा कि पिछले 15 से 20 वर्षों से यादव सिंह घोटाले में लिप्त कृष्णा इन्टर प्राइजेज के माध्यम से एयर कंडिशन कम्पनी डेकिन घोटाले कर रही है। यादव सिंह के नोएडा स्टेडियम घोटाले में सीबीआई द्वारा आरोपित उक्त ठेकेदार विगत दस वर्षो से डेकिन कम्पनी के सााि मिलकर राजकीय निर्माण निगम, पीडब्लूडी, नोएडा अथाॅरिटी, एलडीए में लूट मचाए हुए है। ताजा मामला जौनपुर मेडिकल और इलाहाबाद मेडिकल कालेज उठ रहा है। इन दोनों कार्यो में भ्रष्टाचार की शिकायत आ रही है जिसकी जाॅच कराई जानी चाहिए। पूर्व विधायक ने यह भी आरोप लगाय ा कि उक्त ठेकेदार द्वारा जौनपुर मेडिकल काॅलेज में अधूरे पड़े कार्य के बावजूद अपने रूतबे के चलते‘‘ कार्य समापन का प्रमाण पत्र’’ हासिल कर लिया गया। उस प्रमाण के आधार पर राजकीय निर्माण निगम को गुमराह कर टेण्डर अपने पक्ष में कराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उक्त ठेकेदार राजकीय निर्माण निगम के कुछ महाप्रबंधक एवं परियोजना प्रबंधक को ब्लैकमेल भी कर रहा है। सपा सरकार में करीबी कहे जाने वाले उक्त ठेकेदार ने बदायू मेडिकल कालेज में वातानुकूलन सम्बंधी अधोमानक कार्य कराये है। उक्त ठेकेदार ने बसपा और सपा सरकार के कार्यकाल में डेकिन कम्पनी के माध्यम से मनमाने दरों पर निविदाए हासिल की थी। यही नही डेकिन कम्पनी द्वार अधिकृत रूप निर्गत कैटलाॅग में जिन विशिष्टियों का उल्लेख नही है। उसकी भी पूर्ति के लिए वह लेटर हेड में जिक्र कर अधिकारियों को गुमराह करते चले आ रहे है। उनका आरोप है कि उक्त ठेकेदार इतना निडर हो चुका है कि किसी भी विभाग की कोई निविदा निकले उसे हासिल करने के लिए वह डराने, धमकाने एवं ब्लैकमेल करने से नही चुकता। इसका ताजा उदाहरण राजकीय निर्माण निगम द्वारा एसजीपीजीआई में एयर कडिश्नशर के काम मे देखा जा सकता है। इसके दबाव के चलते बार बार यहाॅ की निविदाएं निरस्त की जा रही है। उक्त ठेकेदार द्वारा प्रोजेक्ट मैनेजर अरविन्द सिंह एवं एस.डी. द्विवेदी पर दबाव बनाया गया जब दबाव काम नही किया तो उक्त दोनों अधिकारियों को ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई। उन्होंने सरकार से मांग की कि उक्त ठेकेदार की दबंगई के चलते जहाॅ सरकार को राजस्व हानि हो रही है वही विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। उन्होंने सरकार से मांग की की जब तक सीबीआई यादव सिंह प्रकरण में उक्त फर्म को क्लीन चिट नही दे देती फर्म को काली सूची में डालते हुए उक्त फर्म द्वारा अब तक कराये गए कार्यो की उच्च स्तरीय जाॅच कर्राइ जाए।
