अलीमुद्दीन अंसारी हत्याकांड में सभी 11 दोषियों को उम्रकैद

अलीमुद्दीन अंसारी हत्याकांड में सभी 11 दोषियों को उम्रकैद

देशभर में चर्चित अलीमुद्दीन हत्याकांड में रामगढ़ कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट का यह फैसला घटना के ठीक 8 माह 22वें दिन पर आया। मामले की सुनवाई रामगढ़ व्यवहार न्यायलय के एडीजे दो ओमप्रकाश की अदालत में चल रही थी। अदालत ने बीते 16 मार्च को 12 में से 11 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपी को नाबालिग होने के कारण उसका मामला जुवेनाइल बोर्ड में भेज दिया था। कोर्ट ने फैसले के लिए 21 मार्च की तिथि निर्धारित की थी।

अपने निर्धारित समय पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी 11 दोषियों छोटू वर्मा, दीपक मिश्रा और संतोष सिंह के अलावा भाजपा नेता नित्यानंद महतो, विक्की साव, सिकंदर राम, उत्तम राम, विक्रम प्रसाद, राजू कुमार, रोहित ठाकुर, और कपिल ठाकुर को धारा 147, 148, 427/149, 135/149, 302/149 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। फैसला सुनते ही कोर्ट में मौजूद आरोपियों के परिजन फूट-फूटकर रोने लगे। हालांकि, सजा पाने वालों ने कहा कि जिला पुलिस ने जबरन उन्हें मामले में दोषी बना दिया। वे मामले को ऊपरी कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने यह विश्वास जताया कि ऊपरी कोर्ट में उन्हें न्याय जरूर मिलेगा।

कोर्ट ने नहीं माना रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मामला

कोर्ट में सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए अपर लोक अभियोजक एसके शुक्ला ने इस मामले को  रेयरेस्ट ऑफ द रेयर का मामला मानते हुए सभी आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। जबकि बचाव पक्ष के वकील ने मामले में आरोपितों को कम से कम सजा देने की मांग की। कोर्ट ने भी इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मानने से इनकार करते हुए आरोपियों को दोषी पाए गए धाराओं में सजा सुनाई।

न्याय मिला लेकिन नौकरी व मुआवजा नहीं

मॉब लिंचिंग के शिकार हुए अलीमुद्दीन की पत्नी मरियम खातून कोर्ट के फैसले से काफी संतुष्ट दिखी। हिन्दुस्तान से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने प्रयास से उन्हें समय से न्याय तो कोर्ट से दिलवा दिया, लेकिन सरकार की घोषणा अबतक पूरी नहीं हुई। इस मामले में सरकार ने मुआवजा देने के साथ मेरे बेटे को नौकरी देने की घोषणा की थी, लेकिन अबतक न तो मुआवजा मिला न ही सरकार की ओर से उनके बेटे को नौकरी दी गई। इसके कारण पूरा परिवार बदहाली में जी रहा है। उन्होंने कहा कि उनके पति की हत्या करने वालों को कोर्ट से माकूल सजा मिली है।

पिछले साल 29 जून को मनुवा निवासी अलीमुद्दीन अंसारी की कथित गौरक्षकों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उस पर प्रतिबंधित मांस रखने का आरोप लगाया गया था। यह हत्याकांड पूरे देश में चर्चित हुआ था। भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने की सूबे की यह पहली वारदात थी और इससे पूरा प्रशासन हिल गया था।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up