डंके की चोट पर कहता हूं जिसे विरोध करना है करेे, सीएए वापस नहीं होगा: अमित शाह

डंके की चोट पर कहता हूं जिसे विरोध करना है करेे, सीएए वापस नहीं होगा: अमित शाह

लखनऊ। लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में हो रही रैली में बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह जमकर दहाड़े। मंच पर पहुंचते ही अमित शाह ने भारत माता की जय के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि ये नारे देश को तोड़ने वालों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है। उन्होंने विपक्ष पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि सीएए के खिलाफ दुष्प्रचार हो रहा है। कांग्रेस, सपा, वसपा, टीएमसी भ्रम फैला रही है। सपा अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि अखिलेश ज्यादा ना बोते तो बेहतर हैं। वो रटे रटाए वाक्य बोलते हैं। वहीं राहुत गांधी पर टिप्पणी करते हुए शाह ने कहा कि राहुल को विरोध करने की आदल हो गई है। उन्होंने कहा कि वह इस विरोध से डरने वाले नहीं है और सीएए को लेकर वह पश्चिमी बंगाल की सीएम ममता से चर्चा करने को तैयार हैं। शाह ने कहा कि मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कल तक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार हुए, वहां उनके धार्मिक स्थल तोड़े जाते हैं। वो लोग वहां से भारत आए हैं। ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता देने का ये बिल है। जब देश आजाद हुआ, कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत मां के दो टुकड़े हो गए। 16 जुलाई 1947 को कांग्रेस पार्टी ने प्रस्ताव पास करके धर्म के आधार पर विभाजन को स्वीकार किया। कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही। आखिर कहां गए ये लोग? उन्होंने कहा कि कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया।

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