लखनऊ। आज़ादी के बाद से लेकर अब तक लखनऊ मे चली आ रही पुलिस व्यवस्था मे सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा मे काबू मे नही आ रहे क्राईम को कन्ट्रोल करने महिला सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कमिश्नर प्रणाली लागू करते हुए लखनऊ के पहले कमिश्नर के तौर पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकरी सुजीत पाडेण्य को लखनऊ का पहला पुलिस कमिश्नर बनाया है। राजधानी के पहले पुलिस कमिश्नर सुजीत पाडेण्य ने आज पुलिस आफिस पहुॅच कर पदभार ग्रहण कर लिया। नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर सुजीत पाडेण्य द्वारा पुलिस आफिस में पदभार गृहण करने के फौरन बाद पत्रकारों से कहा गया कि उनकी पहली प्राथमिक्ता होगी कि अपराध पर नियन्त्रण किया जाए जिसके लिए उन्होने अपने मातहत अधिकारियो को दिशा निर्देश भी दिए है उन्होने कहा कि महिला सशक्तिकरण के प्रति कड़े कदम उठाते हुए महिलाओ की सुरक्षा के लिए 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी । पुलिस कमिश्नर ने स्मार्ट पुलिसिंग पर ज़ोर देते हुए कड़े निर्देश दिए है । पुलिस कमिश्नर ने अपराध नियन्त्रण करने के लिए क्राईम ब्रान्च को और ज़्यादा हाईटेक बनाए जाने की बात भी कही है उन्होने कहा है कि पुलिस का रिस्पांस टाईम चेक करने और रिस्पांस टाईम को और ज़्यादा बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा साथ ही उन्होने कहा कि थानो पर आने वाले फरियादियों से कुशल व्यवहार कर उनकी समस्याओ का त्वरित निस्तारण किए जाने के आदेश भी उन्होने दिए है। पुलिस कमिश्नर ने पत्रकारो से बात करते हुए कहा है कि लखनऊ की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए वो बेहतर कदम उठाएगे। आज़ादी के बाद से पहली बार लखनऊ मे लागू की गई कमिश्नर प्रणाली के लागू होने और साफ सुथरी और तेज़ तर्रार छवी के लिए पहचाने जाने वाले नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर सुजीत पाडेण्य को लखनऊ का पहला पुलिस कमिश्नर बनाए जाने पर नवाबो के शहर लखनऊ की जनता मे भी उत्सुक्ता है और भविष्य मे बेहतर पुलिसिंग की उम्मीद भी जनता में जागी है । लखनऊ की जनता का मानना है कि समय के साथ बदलाव ज़रूरी होता है और सरकार ने ये बदलाव करके जनता की सुरक्षा के लिए अच्छा कदम उठाया है । लोगो का मानना है कि पुरानी पुलिस व्यवस्था से अब तक न तो क्राईम को कन्ट्रोल किया जा सका और न ही यातायात व्यवस्था ही पटरी पर आई क्यूंकि अब पुलिस के पास अधिकार ज़्यादा होगे कुछ ऐसे ज़रूरी निर्णय है जो पुलिस अब खुद ले सकेगी इस लिए अब ये उम्मीद की जा सकती है कि अब बाते कम और कम ज़्यादा होगा । क्यूकि कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद न सिर्फ पुलिस के अधिकार बढ़ जाते है बल्कि पुलिस की संख्या भी बढ़ती है और अलग अलग अधिकारियो को अलग अलग ज़िम्मेदारियां दी जाती है इस लिए जिसकी जो ज़िम्मेदारी होगी वो अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए जवाब देह होगा ऐसे मे अधिकारी काम को ही प्राथमिक्ता देंगे । अभी तक ये होता था कि एक अफसर के कान्धो पर अनेक ज़िम्मेदारियां होती थी जिसकी वजह से काम मे बाधा आती थी लेकिन शायद अब ऐसा नही होगा जिसकी जो ज़िम्मेदारी होगी वो अपनी ज़िम्म्ेदारी को स्वतंत्र रूप से भिाएगा तो ज़ाहिर है बदलाव ज़रूर आएगा।
